गोपालगंज : झोपड़ी में आग लगने से जान गंवाने वाली बबीता देवी के पति रिक्शा चालक रवीेंद्र राम के नाम से इंदिरा आवास आवंटित हुआ था। लेकिन जमीन नहीं मिलने के कारण पांच साल बाद भी आवास नहीं बन पाने के कारण यह परिवार झोपड़ी में रह रहा था। इस घटना के बाद ग्रामीणों को कहना था कि अगर प्रशासन ने जमीन उपलब्ध करा दिया होता और इंदिरा आवास बन गया होता तो शायद जलने से बबीता देवी की मौत नहीं होती और ना ही आग में जल जाने के कारण उनकी बेटी जीवन के लिए मौत से जूझ नहीं रही होती। मीरगंज नगर पंचायत अध्यक्ष मोहिता कुमारी के पति ज्वाला कुमार बताते हैं कि बीपीएल सूची के आधार पर रवीेंद्र राम को पांच साल पूर्व नगर पंचायत प्रशासन ने इंदिरा आवास बनाने के लिए राशि आवंटित कर दिया था। लेकिन इंदिरा आवास बनाने के लिए आवश्यक दो धूर जमीन कागजी खानपूर्ति के कारण नहीं मिलने से इनका इंदिरा आवास नहीं बन सका। उन्होंने बताया कि रवींद्र राम के परिवार की गरीबी को देखते हुए उन्होंने डीसीएलआर हथुआ तथा सीओ हथुआ से कई बार मिलकर इस परिवार को चार डिसमिल जमीन आवंटित करने के लिए पैरवी की थी। इसके बाद भी विभाग के शिथिलता के कारण रवींद्र राम को पांच साल में भी जमीन आवंटित नहीं हो सकी। जिसके कारण यह परिवार किसी तरफ से टीन शेड व फूस की दो झोपड़ियों बनाकर उसमें रहता है। रविवार की रात इसी एक झोपड़ी में आग लगने से रवींद्र राम की पत्नी बबीता देवी तथा पुत्री रिया कुमारी गंभीर रूप से जल गई। पीएमएसीएच ले जाने पर चिकित्सकों ने बबीता देवी को मृत घोषित कर दिया। इनकी बेटी रिया कुमारी की भी हालत नाजुक बनी हुई है।
Posted By: Jagran
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