सहरसा। रघुनाथपुर पंचायत के नव प्राथमिक विद्यालय जमुनियां के विद्यालय प्रधान द्वारा छात्रवृति व पोशाक मद के लाखों की राशि गबन के मामले को दबाने के लिए पंचायत के नवनिर्मित मंदिर में ढ़ाई लाख रुपये नगद दिए जाने का दिलचस्प मामला सामने आया है। बताते चले कि दिसम्बर माह में जमुनियां गांव के समस्त ग्रामीणों ने नव प्राथमिक विद्यालय के प्रधानध्यापिका कुमारी प्रियंका पर शिक्षा विभाग के द्वारा बच्चों को दी जाने वाली सहयोग राशि के गबन तथा विद्यालय में व्याप्त अनिमियता को लेकर विद्यालय के सचिव, अध्यक्ष की उपस्थिति में विद्यालय परिसर में एक पंचायत कर प्रधानध्यापिका के समक्ष विद्यालय में ताला लगाकर पठन-पाठन ठप कर दिया था। इतना ही नही उक्त पंचायत में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने अपने उपर लगाए गए गबन के सारे आरोप को स्वीकार करते हुए पंचनामा पर अपने हस्ताक्षर भी किया था। तथा इस मामले को लेकर ग्रामीणों द्वारा लगातार चार दिनों तक विद्यालय में तालाबंदी की गई थी। जिसके बाद विद्यालय की प्रधानाध्यापिका कुमारी प्रियंका ने विद्यालय की तालाबंदी खुलवाने तथा गबन के मामले को रफादफा करने के लिए प्रधानाध्यापिका ने विद्यालय में 10 वर्षों से किये गए वित्तीय गबन पर जुर्माना के तौर पर ढाई लाख रूपये गांव के मंदिर निर्माण में चंदा स्वरूप देने की बात कहकर पांचवें दिन विद्यालय का ताला खुलवाया। तथा दूसरे दिन तय किये गए जुर्माना की शेष राशि ग्रामीणों को चंदा के तौर पर देकर मामले को रफादफा कर दिया गया। हालांकि पूरे मामले में विद्यालय की प्रधानध्यापिका से पक्ष जानना की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी बताने से मना कर दिया। उक्त बाबत बीडीओ ने बताया कि मामला संगीन है जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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बीते दिसम्बर माह में विद्यालय के तालाबन्दी के बारे में जानकारी मिली थी। जिसके बाद बीईओ को जांच में लिए बोला गया था। जुर्माने के तौर ढाई लाख का चंदा मंदिर में देने संगीन मामला है। जिसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
जयशंकर प्रसाद, डीइओ, सहरसा।
Posted By: Jagran
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