आरा। जगदगुरु रामानुजाचार्य आचार्य गिरिधर जी महाराज ने कहा कि जो अपने पूवर्जों को याद करता है, वही अपनी परंपराओं को बचा सकता है। वे स्थानीय बहिरो मुहल्ला में समाज सेविका शिवरातो देवी की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि परंपरा ही पहचान होती है। जीवन में संपूर्ण समृद्धि के बाद भी खोए हुए पहचान के साथ जीवन में गौरव का अनुभव नहीं हो सकता। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. वीरेन्द्र राय ने समाजसेवी माता शिवरातो देवी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए समृद्धि पर संस्कार एवं परंपरा पर बल दिया। अन्य वक्ताओं ने अपनी श्रद्धांजलि में उनके संघर्षशील व्यक्तित्व और समाज के क्षेत्र में योगदान की चर्चा किया। कार्यक्रम की शुरुआत उनके तैल्य चित्र पर माल्यार्पण से हुई। वक्ताओं में डॉ. कुमार गौरव, अधिवक्ता कुमार कौशलेन्द्र, प्रो. नंदेश्वर सिंह, डॉ. नारद मुनी ठाकुर, सुनील कुमार, आलोक श्रीवास्तव, मंटू यादव, प्रो. प्रताप सिंह, इन्द्रजीत कुशवाहा आदि थे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संजय कुमार ने किया।
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Posted By: Jagran
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