संवाद सहयोगी, चौगाईं (बक्सर)। बिहार के बक्सर जिले के प्रखंड क्षेत्र के आमसारी गांव स्थित अनुसूचित बस्ती में लगभग 35-40 मरीजों में खसरा के लक्षण मिलने के बाद हड़कंप मच गया।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. मितेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने अनुसूचित बस्ती में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
इस दौरान चिकित्सकों द्वारा चिह्नित किए गए मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद साफ-सफाई और बचाव के टिप्स दिए गए।
इस संदर्भ में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि यहां अनुसूचित बस्ती में खसरा रोग के लक्षण की सूचना मिलते ही तत्काल मरीजों को चिह्नित कर इलाज की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बीमारी की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मरीजों एवं उनके अभिभावकों को साफ-सफाई के अलावा आवश्यक सुझाव दिए गए हैं।
खसरा को रुबेला भी कहा जाता है। खसरा बीमारी संक्रामक वायरस के कारण होने वाला संक्रामक रोग है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फैल सकता है।
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खसरा होने पर इसमें पूरे शरीर पर लाल चकते उभर आते हैं। खसरा होने पर यह लाल दाने शुरुआत में सिर पर होते हैं और फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैल जाते हैं।
संक्रमित होने के बाद पहले 10 से 14 दिनों में खसरे का वायरस पूरे मानव शरीर में फैल जाता है। इस दौरान खसरे का कोई संकेत या लक्षण नहीं होते हैं।
यह बीमारी छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए गंभीर साबित हो सकती है, लेकिन टीकाकरण से इसे रोका जा सकता है।
खसरा बीमारी के दौरान उच्च बुखार, कमजोरी, खांसी, बहती नाक, गले में खराश, मुंह के अंदर कोप्लिक धब्बे और मांसपेशियों में दर्द इसके मुख्य लक्षण हैं। यह संक्रमण रोग होने के चलते एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है।
आमसारी की अनुसूचित जाति बस्ती में खसरा बीमारी के लक्षण की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया और ससमय बस्ती में लक्षण के बदौलत चिह्नित किए गए मरीजों के इलाज की प्रक्रिया चल रही है। - डा. मितेद्र कुमार सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (चौगाईं)