वन्‍यजीवों का काल बन रहा गोरखपुर-नरकटियागंज रेलखंड: 10 साल में 2 गैंडों समेत बाघ-तेंदुए की ट्रेन से कटकर मौत



बगहा, संवाद सहयोगी: गोरखपुर-नरकटियागंज रेल खंड पर पिछले दस सालों में दो दो गैंडे, एक बाघ व एक तेंदुए की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो चुकी है। बावजूद वीटीआर प्रशासन जानवरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
जानवरों की मौत होने के बाद वन विभाग ने रेलवे प्रशासन के जिम्मेदारों से कहा था कि अगर उनके जानवरों की सुरक्षा रेलवे नहीं कर पाता है तो जंगल के बीच से निकली रेल लाइन पर ट्रेनों का परिचालन नहीं होने दिया जाएगा।

इसके बाद रेलवे ने लाइन के दोनों किनारे दीवार बनाने का काम शुरू किया। जानकारी के बाद वन विभाग ने यह कहते हुए रोक लगा दी कि दीवार बन जाने से जानवर एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा पाएंगे।
इसके बाद रेलवे ने जगह-जगह अंडर पास पुल बना दिया, जिससे जंगली जानवर एक जगह से दूसरी जगह आराम से जा सकें और वे ट्रेन की चपेट में न आ सकें, लेकिन जंगल के अंदर जहां नाला है उस जगह पर घेराबंदी नहीं की गई।
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शनिवार की रात जिस तरह से तेंदुआ की मौत हुई है, उसे देखने के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह नदी के किनारे -किनाने रेल लाइन तक पहुंचा और फिर भपसा पुल को पार करने के लिए पुल पर चढ़ कर पूरब से पश्चिम की ओर जा रहा था। उसी क्रम में कोई ट्रेन आ गई और वह उसके चपेट में आ गया।

विभागीय आकड़ों पर नजर डालें तो 2006-07 में मदनपुर वनक्षेत्र से गुजरी रेल लाइन पर ट्रेन से कटकर एक व्यस्क बाघ की मौत हो गई थी।
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वहीं, 31 मार्च 2007 में भी वाल्मीकिनगर रोड व पनियहवा रेलवे स्टेशन के बीच एक गैंडे की मौत हो गई थी। वर्ष 2013-14 में एक गेंडा की मौत ट्रेन से कटकर हो गई थी।
नौ अप्रैल 2023 को मदनपुर वनक्षेत्र के वाल्मीकिनगर रेलवे स्टेशन के समीप भपसा नाला के रेलवे पुल संख्या 383 पार करने के दौरान एक व्यस्क तेंदुए की मौत हो गई। चर्चा है कि वर्ष 2012-13 में भी ट्रेन से कटकर एक बाघिन की मौत हो गई थी, लेकिन अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन से लेकर दिल्ली कैंप तक रेलवे प्रशासन के द्वारा ट्रेनों की स्पीड भी निर्धारित की गई है।
लगभग छह किलोमीटर जंगल के बीच से गुजरने वाली ट्रेनों की स्पीड कभी कम नहीं होती है, जबकि नियम के अनुसार, जंगल के बीच रात में 25 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटे व दिन में 60 किलोमीटर प्रति घंटे निर्धारित किया गया है, लेकिन इस रेल खंड पर चलने वाली ट्रेनों को स्पीड अधिक होती है।

शनिवार की रात भपसा पुल के पास ट्रेन की चपेट में आकर मरे तेंदुए की सूचना लोको पायलट ने वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन या यूपी के पनियहवा रेलवे स्टेशन को सूचना नहीं दी, जबकि शनिवार की रात 13 गाड़ियां जंगल के बीच बने रेलवे लाइन से गुजरी हैं।
अब वन विभाग इन दोनों स्टेशन पर पहुंच कर जानकारी ले रहा है कि कौन गाड़ी या मालगाड़ी किस समय स्टेशन से खुली और पहुंची।

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