शेखपुरा: बंद कमरे में अंगीठी के धुएं से घुटा दम, एक ही परिवार के चार लोग हुए बेहोश, अस्पताल में भर्ती



जागरण संवाददाता, शेखपुरा। शेखपुरा से सटे नवादा जिला के पकरीबरमा थाना के पिंडपड़बा गांव में बोरसी (अंगीठी) के धुएं से एक ही परिवार के चार लोग बेहोश हो गए। बाद में गांव वालों की मदद से बेहोश हुए चारों लोगों को कमरे का दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया और शेखपुरा लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चारों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार, धुएं के कारण बेहोश हुए लोगों में राजेश कुमार (45) उनकी पत्नी जयमंती देवी (40) के साथ उनके दो बच्चे जिनकी आयु तीन वर्ष और दो महीने की है, शामिल हैं। चारों को बाहर से ऑक्सीजन दी गई है। परिवार की सदस्य सुनीता देवी ने बताया शनिवार की रात राजेश अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक ही कमरे में बोरसी जला कर सोये थे।

ठंड की वजह से दरवाजा भी भीतर से बंद कर लिया था। रविवार की सुबह आठ बजे तक ये लोग नहीं जगे तब परिवार के लोगों ने बाहर से आवाज दी, मगर भीतर कमरे से कोई जबाब नहीं आया तो कुछ अनहोनी की आशंका होने पर आस-पड़ोस के लोगों को बुलाकर कमरे का दरवाजा तोड़ा गया।
कमरे के अंदर चारों बेसुध बेहोश पड़े थे। गांव से शेखपुरा नजदीक रहने की वजह से लोग सभी बेहोश लोगों को शेखपुरा के अस्पताल लेकर गए और में भर्ती कराया। सुनीता ने बताया कि कुछ दिन पूर्व भी राजेश की पत्नी जयमंती इसी तरह बेहोश हो गई थी, तब वहां के ग्रामीण चिकित्सक ने खाने में छिपकिली होने की बात कहकर उसका इलाज किया था।
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शेखपुरा में इन सभी का इलाज करने वाले पूर्व सिविल सर्जन डाॅ. एमपी सिंह ने बताया कि बंद कमरे में ऑक्सीजन खत्म हो जाने और कार्बन मोनोक्साइड गैस भर जाने से यह हादसा हुआ। बंद कमरे में बोरसी, अंगीठी या फिर रूम हीटर काफी देर तक जलाने से कमरे में ऑक्सीजन खत्म हो जाती है और वहां कार्बन मोनोक्साइड गैस भर जाती है, जिससे बेहोश लोगों की मौत भी हो सकती है।

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