बेगूसराय, जागरण संवाददाता। बिहार के बेगुसराय में 13 करोड़ की अधिक की लागत से साहेबपुर कमाल के आहोक में बूढ़ी गंडक नदी पर बना पुल कार्य में खराब गुणवत्ता के कारण सेल्फ लोड से क्षतिग्रस्त हुआ है। उक्त बातें जांच टीम में शामिल उच्च स्तरीय पदाधिकारियों की टीम ने संयुक्त निरीक्षण प्रतिवेदन में कही हैं। जांच टीम ने कार्य में खराब गुणवत्ता के लिए मेसर्स भगवती कंस्ट्रक्शन के संवेदक अंजनी सिंह एवं इससे संबंधित दस इंजीनियर को जिम्मेवार माना है। साथ ही ठेकेदारों को अपने खर्च पर दोबारा पुल बनाने को कहा है।
बता दें कि पुल निर्माण की जिम्मेदारी संवेदक मां भगवती कंस्ट्रक्शन को सौंपी गई थी। पुल का काम कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग प्रमंडल बलिया द्वारा कराया गया था। निरीक्षण प्रतिवेदन में कहा गया है कि स्पैन पी-1 एवं पी-2 अपने सेल्फ लोड के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है। कार्यालय अभिलेख का हवाला देते हुए टीम ने कहा कि संवेदक त्रुटिपूर्ण कार्य को गिराकर अपने पैसे से दोबारा निर्माण कराएंगे। वे नदी में गिरे मलवे को भी हटवाएंगे। धारा बाधित है। जांच टीम में ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख अशोक मिश्रा, मुख्य अभियंता निर्मल कुमार, नोडल पदाधिकारी निर्मल कुमार प्रमुख थे।
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10 इंजीनियर बनाए गए जिम्मेदार
कार्यपालक अभियंता चौधरी सुधीर कुमार राय, विजयशील कश्यप, अर्जुन प्रसाद व राम सेवक सिंह।
सहायक अभियंता मिथिलेश कुमार सिंह, रंजीत भारती व शम्स तबरेज।
कनीय अभियंता इनामुल हक, उमाशंकर राम व सतीश रजक।
गौरतलब है कि बेगूसराय जिले के साहेबपुर कमाल प्रखंड में बूढ़ी गंडक नदी पर करीब 13 करोड़ की लागत से बना आहोक घाट पुल रविवार की सुबह लगभग नौ बजे उद्घाटन से पहले ही ध्वस्त हो गया। पुल के बीच का एक बड़ा हिस्सा टूटकर नदी में समा गया। इससे लगभग 40 हजार की आबादी प्रभावित हो गई है। यह पुल साहेबपुर कमाल प्रखंड के रहुआ, सादपुर व चौकी पंचायत के आहोक कृर्ति टोल को विष्णुपुर आहोक पंचायत से जोड़ता है। अब लोगों को साहेबपुर कमाल आने के लिए खगड़िया जिला मुख्यालय होकर लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी अथवा नदी में नाव के सहारे यात्रा करनी होगी।