महेशखूंट (खगड़िया), संवाद सूत्र। खगड़िया के महेशखूंट स्थित उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय चैधा-बन्नी, चंडी टोला का भगवान ही मालिक है। यहां छह सौ के आसपास नामांकन है। यहां वर्षों पुराना एक भवन जर्जरता की सीमा को पार कर चुका है। भवन के अभाव में संयुक्त क्लास का संचालन किया जाता है। जिस भवन में अभी वर्ग संचालन हो रहा है, उसकी स्थिति भी ठीक नहीं है। मालूम हो कि यह वही विद्यालय है जहां जनवरी 2021 में निर्माणाधीन चारदीवारी के गिरने से छह मजदूरों की मौत हो गई थी। ये मजदूर नल जल योजना के तहत चारदीवारी से सटकर गड्ढे खोद रहे थे। आज भी यह चारदीवारी जस की तस है। जिसे देखने वाला कोई नहीं है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्ष 2015 में विद्यालय शिक्षा समिति की बैठक में भवन की जर्जरता और व्याप्त खतरे को देखते हुए इसे तोड़कर हटाने का निर्णय लिया गया था। इस आलोक में तत्कालीन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी गोगरी द्वारा वर्ष 2018 में जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखा गया। तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा भवन निर्माण विभाग को लिखा गया। भवन निर्माण विभाग अवर प्रमंडल खगड़िया के सहायक अभियंता राजेंद्र प्रसाद सिंह द्वारा भवन का निरीक्षण किया गया और विभाग को स्पष्ट लिखा गया कि भवन जर्जर है। आवासन के योग्य नहीं है। कभी भी अप्रिय घटना घटने से इनकार नहीं किया जा सकता है। जिस पर आवश्यक कार्यवाही शीघ्र होनी चाहिए।
Bihar Crime : गोलीबारी से फिर दहला दियारा, धारा 144 लागू, पूर्व जिप उपाध्यक्ष समेत 32 पर मामला दर्ज यह भी पढ़ें
वहीं कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण विभाग, भवन प्रमंडल खगड़िया ने अपने पत्रांक 902, दिनांक एक जुलाई 2019, को भवन को तोड़कर हटाने के लिए आदेश दिए। आदेश का अनुपालन अब तक नहीं हुआ। आज भी मध्यांतर के समय जगह नहीं होने के चलते विद्यालय के बच्चे इस भवन के परिसर में खेलते हैं। कभी भी हादसा हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शाम होते ही यह जर्जर भवन असामाजिक तत्वों की शरण स्थली बन जाता है। आसपास के लोग असामाजिक तत्वों की गतिविधि से काफी परेशान हैं। प्रधानाध्यापक सुरेंद्र कुमार ने कहा कि विभाग का ध्यान कई बार आकृष्ट कराया गया है। परंतु कोई ठोस पहल अब तक नहीं की गई है। इधर गोगरी बीइओ ने कहा कि, इस संबंध में जिला से ही कोई जानकारी मिल सकती है।