बिहार सरकार ने आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका की नियुक्ति नियमावली में बड़ा परिवर्तन किया है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका की नियुक्ति नियमावली में बदलाव के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी.
दरअसल, सीएम के जनता दरबार में आगनबाड़ी सेविका व सहायिका की नियुक्ति को लेकर शिकायतें मिल रही थी.
सेविका और सहायिका बनने की योग्यता
शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने समेमित बाल विकास सेवाएं योजना के तहत चयन को पारदर्शी बनाने का प्रयास किया है. नये प्रावधान के तहत 12वीं पास ही सेविका व 10वीं पास ही सहायिका बन सकेंगी. अभी नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता क्रमश: 10वीं और आठवीं है. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 31 प्रस्तावों पर मुहर लगी है.
मेधा सूची तैयार करने की जिम्मेदारी किन्हें?
आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका की चयन संबंधित प्रक्रिया पंचायत द्वारा की जाती है. अब चयन के लिए मेधा सूची तैयार करने के लिए डीडीसी (उपविकास आयुक्त) की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की जायेगी. डीपीओ इसके पदेन सदस्य सचिव होंगे. समिति ही मेधा सूची को अंतिम रूप देगी और उसे अनुमोदन के लिए पंचायत को भेजी जायेगी.
मेधा सूची में किसी तरह त्रुटि होने पर एडीएम और प्रमंडलीय आयुक्त को शिकायत करने का प्रावधान सरकार ने किया गया है. इसके लिए समय सीमा भी तय कर दी गयी है. चयन के 30 दिनों के अंदर जिलाधिकारी द्वारा नामित एडीएम और तीन महीने के अंदर प्रमंडलीय आयुक्त के यहां शिकायत की जा सकती है.
जिला स्तर पर निकलेगी वैकेंसी
सेविका-सहायिका की उम्र सीमा 18 से 35 वर्ष होगी, वहीं, 65 वर्ष के उम्र तक सेविका और सहायिका की सेवा होगी.
सहायिका और सेविका के लिए संबंधित वार्ड का होना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके लिए आवासीय प्रमाण पत्र देना होगा.
नियुक्ति के लिए अब जिला स्तर पर वैकेंसी निकाली जायेगी. संबंधित वार्ड के इस पद के उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन मांगी जायेगी.
नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो इसके लिए मेधा सूची का प्रकाशन अंक के साथ ऑनलाइन जारी की जायेगी.