विद्यालय में शिक्षक रहते अनुपस्थित, बच्चों की पढाई होती है बाधित
रामनगर (बगहा)। शिक्षा का अधिकार देश के प्रत्येक बच्चे को प्राप्त है। स्कूलों में बच्चों को जोड़ने के लिए उन्हें पुस्तकें दी जाती हैं। वहीं स्कूल ड्रेस भी सरकार की तरफ से दिया जाता है। बच्चे भूखे पेट रहेंगे तो उनको शिक्षा ग्रहण करने में कठिनाई आएगी इसके लिए मध्याह्न भोजन भी संचालित किया जाता है। इसके बावजूद शिक्षा व्यवस्था में आपेक्षित सुधार नहीं दिख रहा है। गुरुवार को इसकी पड़ताल प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय सरहटवा में की गई। जिसमें छह शिक्षकों में एक शिक्षक अनुपस्थित मिले। बच्चों की उपस्थिति भी कम दिखाई दी। हालांकि मध्याह्न भोजन में चावल, दाल व सब्जी बन रहा था। प्रधानाध्यापक समेत पांच शिक्षक मौजूद मिले। विद्यालय में आठवीं तक की पढाई होती है जिसमें कुल नामांकित बच्चों की संख्या 234 है। मौके पर मात्र 178 बच्चे उपस्थित पाए गए। शिक्षक के अनुपस्थित रहने से बच्चों का पठन पाठन बाधित बता दें कि विद्यालय में जिस विषय के शिक्षक प्रमोद कुमार अनुपस्थित थे उस विषय की पढाई गुरुवार को बाधित रही। वहीं दूसरी समस्या यह थी कि इस विद्यालय को भले ही मध्य विद्यालय का नाम दिया गया है। पर, इसमें बच्चे प्राथमिक विद्यालय वाले हिसाब में नामांकित हैं। शिक्षकों की माने तो बच्चों को जोड़ने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। उपस्थिति नहीं बढ़ पा रही है। इधर अभिभावक सुदर्शन कुमार, संतोष आदि का कहना है कि शिक्षा व्यवस्था लचर होने के कारण सरकारी स्कूलों में कोई अपने बच्चों को भेजना नहीं चाहता है। बच्चों को विद्यालय में भेजने व नामांकन कराने के लिए अभिभावकों से बराबर संपर्क किया जाता है। शिक्षक प्रमोद कुमार अवकाश पर हैं। उनकी तबियत खराब है। जिसके कारण विद्यालय में नहीं पहुंच सके हैं। - दिनेश तिवारी, प्रधानाध्यापक