बेतिया। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की आठ छात्राएं और एक शिक्षिका के कोरोना पाजिटिव होने के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा उनके सेहत पर पल-पल नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही धमौरा आवासीय विद्यालय में बच्चों की कोरोना जांच की गई। हालांकि यहां सभी बच्चे स्वस्थ पाए गए। इधर कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के अभिभावकों को विद्यालय तथा एसडीएम द्वारा समझाने के बाद भी वे नहीं माने। 24 छात्राओं को उनके अभिभावक घर लेकर चले गए हैं। संचालक राम नरेश चंद्र घोष ने बताया कि अभिभावक जबरदस्ती छात्राओं को लेकर घर गए हैं, जिसकी सूचना विभाग को दे दी गई है। अभिभावकों का कहना था कि जब कोरोना पीड़ित छात्राएं ठीक हो जाएंगी तो बच्चियों को फिर विद्यालय लाकर छोड़ देंगे। हालांकि सोमवार को एसडीएम धनंजय कुमार के द्वारा भी अभिभावकों को समझाया गया था। उसके बावजूद अभिभावक देर रात अपनी बच्चियों को लेकर घर चले गए। इधर मेडिकल टीम के डॉ बदरुल हसन ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव शिक्षिका सहित छात्राओं की हालत में सुधार है। आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय धमौरा में जांच किया। जांच टीम में शामिल एलटी सुजीत कुमार ने बताया कि 135 बच्चों की जांच की गई है जिसमें से सभी स्वस्थ हैं। बुधवार को आवासीय विद्यालय बेलसंडी में बच्चों की जांच की जाएगी। उल्लेखनीय है कि कस्तूरबा छात्रावास की चार बच्चियां बीते सात जुलाई को कोरोना पाजिटिव मिली थीं। आठ जुलाई को छात्रावास की 43 बच्चियों की एंटीजन जांच की गई, जिसमें जिसमें फिर चार बच्चियां और शिक्षिका कोरोना पाजिटिव मिलीं। इसके बाद अभिभावकों की बेचैनी बढ़ गई। अभिभावक अपने स्वस्थ बच्चियों को लेने के लिए पहुंचने गए। लेकिन एसडीएम ने समझा बुझाकर शांत करा दिया। एसडीएम धनंजय कुमार के वहां के जाने के बाद अभिभावक जिद करने लगे और 24 बच्चियों को लेकर घर चले गए ।