जागरण संवाददाता, सुपौल : मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा का एक मामला सामने आया है। इसमें बिना काम कराए योजना की राशि की निकासी कर आपस में बंदरबांट कर लिया गया है। इसके आलोक में ग्रामीणों ने प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा को आवेदन देकर जांच करने तथा दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। मामला सदर प्रखंड स्थित ग्राम पंचायत करिहो वार्ड नंबर 17 का है जहां बिना काम किए राशि की न सिर्फ निकासी कर ली गई बल्कि मापीपुस्त भी तैयार कर ली गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत के वार्ड नंबर 17 स्थित मु. जहीरउद्दीन के घर से कब्रिस्तान तक जाने वाली सड़क पर करीब 12 वर्ष पूर्व मिट्टी भराई का काम किया गया था। सड़क जर्जर हो जाने के कारण जब इसके पुनर्निर्माण को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों पर दबाव डाला गया तो पता चला कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में योजना संख्या दो खोलकर मिट्टी, ईट सोलिग एवं आरसीसी पुलिया निर्माण को ले 7,14,571 रुपये का प्राक्कलन तैयार कर कार्य योजना को पूर्ण दिखाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि कार्यस्थल पर कोई बोर्ड और काम नहीं होने के कारण इसकी जानकारी आम लोगों को नहीं मिल पाई। इधर जब मामला प्रकाश में आया तो इस करतूत की परत दर परत खुलती गई और पाया गया कि योजना को पूर्ण दिखाकर मापीपुस्त भी तैयार कर योजना को बंद तक कर दिया गया है। ग्रामीणों ने स्थलीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है।.
पटरी पर नहीं चढ़ पा रही सरकारी स्कूलों में व्यवस्था यह भी पढ़ें
--------------------------------------
कोट
योजना में गड़बड़ी किए जाने की शिकायत ग्रामीणों ने की है। शिकायत के बाबत जेई को जांच कर प्रतिवेदन देने को कहा गया है। वैसे इस योजना में 70 से 75 हजार के लगभग राशि की निकासी की गई है। ग्रामीणों का आरोप अगर सही है तो फिर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
-अफरोज अहमद
प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा