घर की रौनक में चार चांद लगा रहे हैं नन्हे मुन्ने रोजेदार

कमर आलम, अररिया: रमजानुल मोबारक का पाक महीना चल रहा है। मुस्लिम समुदाय के लोग काफी अकीदत के साथ इबादत में मशगूल हैं। साथ ही रोजा का खास ख्याल रख रहे हैं। क्या बड़े और क्या छोटे सभी रोजे का खास एहतमाम कर रहे हैं। एक माह तक चलने वाले रोजा को लेकर पूरा माहौल भक्तिमय बना हुआ है। रमजान का पहला असरा रहमत का आज मुकम्मल हो गया है। 11 से 20 रोजा तक अब मगफेरत का दूसरा असरा शुरू हो गया है। सभी मुस्लिम समुदाय में इस पाक बरकत और रहमत के महीने को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है। इस उत्साह में घर की रौनक में चार चांद लगा रहे है नन्हे मुन्ने रोजेदार। रोजा को लेकर बच्चों में भी विशेष उत्साह दिख रहा है। ये सभी बच्चे बीच बीच में रोजा रखते है। इतना ही नही रात में जागकर परिवार के सदस्यों के साथ सेहरी और शाम में इफ्तार में खास तौर से शामिल होते है। कुछ बच्चे अपने पिता के साथ तरावीह की नमाज में भी मस्जिद जाते हैं। बच्चों को सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि ईद में नया नया कपड़ा और पर्वी भी मिलेगा।आजाद नगर के रहने वाले सरफे आलम के पुत्र आबान आलम शम्स जमाल के पुत्र शम्स हमजा, जिकवान के पुत्र बुल्लू अजान ,शारिक मतीन के पुत्र साहिर मतीन, सहान मतीन ,शमदाद आलम के पोता अनस आलम ,शिक्षक नौशाद आलम की पुत्री सुल्ताना नाज और पुत्र अदीब नौशाद बीच बीच में जबरदस्ती रोजा रख लेते है।बच्चो का मानना है की पहला रोजा ,आखिरी रोजा और जुमा जुमा के दिन रोजा रखने से पूरा रोजा रखने का सबाब मिल जाता है। इन तमाम नन्हे मुन्ने रोजेदार को घर परिवार के सभी लोगों का दुआ मिलता है। समाज में आज ऐसे बच्चों की कमी नही है जो रोजा रखकर घर की रौनक में चार चांद लगा रहे हैं। अभी मगफेरत का असरा चल रहा है। ऐसे में तमाम लोगों को अपने और परिवार के सदस्यों के लिए दुआ करनी चाहिए। जामा मस्जिद अररिया के इमाम व खतीब मौलाना आफताब आलम मुजाहिरी ने एलान किया की इस बार सदकतुल फितर की राशि प्रति व्यक्ति पैंतीस रुपया निकालना है जो ईद की नमाज से पहले पहले गरीब ,मजबूर और जरूरतमंद लोगों के बीच बांट देना है। इससे ज्यादा राशि भी आप निकाल सकते हैं।


अन्य समाचार