मुंबई: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर सुनील दत्त (Sunil Dutt ) सिर्फ एक अच्छे अभिनेता ही नहीं बल्कि एक अच्छे और सुलझे हुए इंसान के रुप में याद किए जाते हैं. सुनील ने अपनी लाइफ जो भी हासिल किया वह सिर्फ अपनी मेहनत और लगन से हासिल किया. एक्टर बनने से पहले सुनील ने काफी पापड़ बेले. लेकिन जब सुनील सफल हुए तो नरगिस (Nargis) को जीवन साथी बना लिया. सुनील-नरगिस की प्रेम कहानी और शादीशुदा जिंदगी को लेकर कई दिलचस्प किस्से हैं, लेकिन कम लोगों को पता होगा कि इनकी पहली मुलाकात रेडियो स्टेशन पर हुई थी. बड़ी स्टार नरगिस वहां इंटरव्यू देने आने आईं थीं और इंटरव्यू लेने वाले थे बलराज दत्त. जी हां, बलराज रेडियो सीलोन में काम करते थे और अपने एक कार्यक्रम के लिए फिल्मी सितारों का इंटरव्यू लिया करते थे. यही बलराज जब हीरो बने तो नाम सुनील दत्त हो गया.
सुनील दत्त कॉलेज की पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी भी करते थे. सुनील ने अपने करियर की शुरुआत रेडियो सीलोन से अनाउंसर के तौर पर की थी. सुनील दत्त और नरगिस की पहली मुलाकात रेडियो सिलोन के दौरान ही हुई. रेडियो पर अपने कार्यक्रम के लिए एक बार उन्हें नरगिस का इंटरव्यू लेने का मौका मिला था, सुनील से बात कर नरगिस काफी खुश हो गईं थीं. लेकिन तब एक्ट्रेस को ये नहीं पता था कि एक दिन ऐसा आएगा कि सुनील की जीवनसंगिनी बन जाएंगी.
सुनील को अनाउंसर के रुप में बहुत पॉपुलैरिटी मिली. इसके बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में भी भाग्य आजमाने की कोशिश की. 1955 में फिल्म 'रेलवे स्टेशन' से फिल्मी करियर शुरु करने का मौका हाथ लगा, लेकिन स्टारडम 'मदर इंडिया' फिल्म से मिला. इस फिल्म में उन्हें उसी नरगिस के साथ काम करने का मौका मिला,जिसका कभी इंटरव्यू लिया था. इस फिल्म में काम करने के दौरान ही दोनों के बीच प्यार हुआ, इकरार हुआ. जब 'मदर इंडिया' रिलीज हुई तो फिल्म ने इतिहास रचा ही, सुनील और नरगिस की जिंदगी को सुहाने सफर पर ले गया.
सुनील दत्त ने 'साधना', 'सुजाता', 'ये रास्ते हैं प्यार के', 'पड़ोसन', 'गुमराह', 'हमराज' जैसी दर्जनों सुपरहिट फिल्में इंडस्ट्री को दी. एक्टिंग करते करते सुनील दत्त को फिल्म प्रोड्यूस करने का शौक हुआ और 1971 में फिल्म रेशमा और शेरा से प्रोड्यूसर डायरेक्टर बन गए. एक्टर ,प्रोड्यूसर डायरेक्टर सुनील दत्त का मन इतनी सफलता से भी नहीं भरा. उन्होंने राजनीति के गलियारों में भी धमक बनाई और मंत्री के तौर पर देश की सेवा की. ये जानकारी लेखक विनोद विप्लव की बुक 'हिंदी सिनेमा 150 सितारे' से ली गई है.