हंसराज सैनी, मंडी
संसदीय क्षेत्र मंडी और फतेहपुर, अर्की व जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में कितना मतदान हुआ, इसका हर सेकंड पता चलेगा। मतदान प्रतिशतता के लिए उम्मीदवारों व लोगों को दो घंटे के अंतराल का इंतजार नहीं करना होगा। चुनाव आयोग ने उपचुनाव में बूथ एप का प्रयोग करने का निर्णय लिया है।
हिमाचल प्रदेश में पहली बार बूथ एप का इस्तेमाल होगा। हर मतदान केंद्र पर दो पोलिंग आफिसर के मोबाइल फोन पर बूथ एप उपलब्ध करवाई जाएगी। बूथ एप का प्रयोग कैसे करना है, आयोग की तरफ से सहायक निर्वाचन अधिकारी व चुनाव कानूनगो को इसका प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब वह पोङ्क्षलग आफिसर को प्रशिक्षण देंगे। मतदान से तीन व चार दिन पहले हर मतदाता को बीएलओ (बूथ लेवल आफिसर) के माध्यम से घर-घर मतदान पर्ची (वोटर स्लिप) उपलब्ध करवाई जाएगी। इसमें एक क्यूआर कोड व नाम होगा। मतदान के लिए पर्ची लाना अनिवार्य होगा।
कैसे काम करेगी बूथ एप
मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने जब मतदान केंद्र पर जाएंगे तो उन्हें पहले दी गई वोटर स्लिप वहां मौजूद पोलिंग आफिसर को देनी होगी। पोङ्क्षलग आफिसर बूथ एप से क्यूआर कोड स्कैन करेंगे। कोड स्कैन होते ही उस मतदाता की पूरी जानकारी एप पर दिखेगी। डाटा एप के माध्यम से तुरंत सर्वर पर ट्रांसफर हो जाएगा। इससे वोटर हेल्पलाइन या चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मतदान प्रतिशत की जानकारी पल-पल मिलती रहेगी। कितने पुरुषों व महिलाओं तथा किस आयु वर्ग के मतदाताओं ने मतदान किया, इसका पूरा विवरण भी साथ के साथ मिलता रहेगा। पहले चुनाव आयोग दो घंटे के अंतराल में मतदान प्रतिशत की जानकारी देता था। क्यूआर कोड स्कैन करने में कोई विलंब न हो या तकनीकी खराबी की वजह से किसी मोबाइल फोन पर एप काम न करे, इस बात को ध्यान में रखते हुए दो पोङ्क्षलग आफिसर को एप उपलब्ध करवाई जाएगी।
उपचुनाव में इस बार बूथ एप का इस्तेमाल होगा। अधिकारियों को एप चलाने का प्रशिक्षण दे दिया गया है। पोङ्क्षलग आफिसर को जल्द प्रशिक्षित किया जाएगा। एप से मतदान प्रतिशत की पल-पल की जानकारी मिलेगी।
विजय कुमार, तहसीलदार (चुनाव), मंडी