Chip Shortage: भारत को कम से कम अगले छह महीने तक मोबाइल डिवाइस के लिए चिप की कमी (Chip Shortage) का सामना करना पड़ेगा. चिप शॉर्टेज का सबसे ज्यादा असर 4जी सेगमेंट के किफायती फोन पर पड़ेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इस सेगमेंट के फोन में बहुत कम कीमत वाले हाई नैनोमीटर चिप का उपयोग होता है. इस चिपो की सप्लाई और भी ज्यादा कम है. बिजनेस स्टैंडर्ड ने लीडिंग ग्लोबल चिप डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के हवाले से ये जानकारी दी है.
चिप की कमी से जियो ने भी टाली लॉन्चिंग
रिलायंस जियो ने गुरुवार को घोषणा की थी वह अपने 4जी स्मार्ट फोन जियो नेक्स्ट के लॉन्च को स्थगित कर रहा है. इसकी वजह चिप की कमी बताई गई. इसके अब दिवाली से पहले लॉन्च होने की उम्मीद है.
मुकेश अंबानी ने पिछली एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) में घोषणा की थी कि फोन को 10 सितंबर को लॉन्च किया जाएगा. इस फोन को रिलायंस और गूगल कोलेबोरेशन में बना रहे हैं.
रिलायंस और गूगल ने लॉन्चिंग को टालते हुए कहा, दोनों कंपनियों ने यूजर्स के सीमित सेट के साथ JioPhone Next के और रिफाईनमेंट के लिए परीक्षण शुरू कर दिया है. इसको दिवाली से पहले उपलब्ध कराने पर काम किया जा रहा है.
अगले छह महीने तक बनी रहेगी कमी
एक वैश्विक चिप कंपनी के सीईओ के हवाले से बिजनेस स्टैंडर्ड ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि चिप की कमी अगले छह महीने तक बनी रहेगी. इसका सबसे ज्यादा असर निचले छोर पर 4G फोन पर होगा.
ऐसा इसलिए है क्योंकि वे 40 और उससे अधिक हाई नैनोमीटर चिप्स का उपयोग करते हैं, जिसका उत्पादन सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. इसकी कैपेसिटी 14 से भी ज्यादा घटकर 10 और यहां तक की 6 पर पहुंच गई है.
प्लांट लो नैनोमीटर चिप्स बनाने के लिए हुए शिफ्ट
चिपमेकर्स का कहना है कि किफायती 4जी फोन (10,000 रुपए से कम) में मिड और अपरएंड (upperend) फोन की तुलना में हाई नैनोमीटर चिप्स का एक बड़ा प्रतिशत उपयोग होता है.
लेकिन हाईएंड फोन की मांग में वृद्धि के कारण, फैब प्लांट लो नैनोमीटर चिप्स बनाने के लिए शिफ्ट हो गए हैं जो बेहतर मार्जिन और हाई रेवेन्यू प्रदान करते हैं.
इसलिए, चिप की कमी 5G फोन में दिखाई नहीं दे रही है जिनकी संख्या विश्व स्तर पर बढ़ रही है, और वर्ष के अंत तक 600 मिलियन से अधिक होने की उम्मीद है.
क्वालकॉम का अनुमान है कि 2021 के अंत तक भारत के स्मार्ट फोन बाजार में 5जी फोन की हिस्सेदारी 60-70 फीसदी हो जाएगी.
इंडियन प्लेयर्स को सबसे ज्यादा नुकसान
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा, भारतीय मोबाइल डिवाइस प्लेयर्स को किसी और से ज्यादा नुकसान हो रहा है क्योंकि उन्हें प्राथमिकता नहीं मिलती है.
विश्व स्तर पर चार से पांच प्लेयर्स का मोबाइल डिवाइस निर्माण क्षेत्र में दबदबा है. उनके बड़ी वॉल्यूम और लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स की वजह से चिप मेकर्स की तरफ से उन्हें प्राथमिकता दी जाती है.
The post इतने माह तक बना रहेगा मोबाइल डिवाइस के लिए चिप का संकट appeared first on Money9 Hindi.