कैमूर। यूरिया की किल्लत दूर होने का नाम नहीं ले रही है। किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराने के सारे प्रशासनिक दावे विफल हो रहे हैं। रामगढ़ बिस्कोमान केंद्र पर सोमवार को यूरिया खाद के लिए लगी लंबी लाइन में खाद पहले लेने के लिए धक्कामुक्की होने लगी। फिर लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। बाद में पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ। फिर भी किसानों को मनमुताबिक यूरिया खाद नहीं मिली। एक आधार कार्ड पर छह बोरी खाद किसानों को दी जा रही थी। बिस्कोमान केंद्र पर खाद लेने के लिए लाइन में महिलाओं के साथ छात्राएं भी लगी थी। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यूरिया की कितनी आवश्यकता है। जरूरत के हिसाब से यूरिया नहीं मिलने या फिर बाजार में दुकानदारों द्वारा खाद रहने के बाद भी नहीं देने से इस तरह की समस्या बरकरार है। शासन से लेकर प्रशासन द्वारा यूरिया खाद की कालाबाजारी करने व निर्धारित दर से अधिक पर बेचने वाले पर कठोर कार्रवाई होगी।
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धान के टाप ड्रेसिग के समय खाद यूरिया नहीं मिलने से प्रशासन के दावे पर उंगली उठना स्वाभाविक है। कृषि विभाग के अधिकारी भी घूम घूम कर यूरिया खाद की उपलब्धता की जानकारी लेते हैं। फिर खाद की किल्लत न जाने क्यों हो रही है। कुछ किसानों ने बताया कि बाजार में कुछ जगहों पर यूरिया लोग दे रहे हैं। लेकिन वे जितना यूरिया लेंगे उतना ही डीएपी लेना पड़ेगा की शर्त रख रहे हैं तो अब बताइए कि यूरिया खाद की जरूरत अभी है तो डाई खाद कहां से लेंगे। यूरिया खाद के लिए पैसा ही नहीं जुट रहा है तो डाई खाद कहां से किसान खरीदेगा। ऐसी स्थिति किसानों के ही साथ क्यों होती है। व्यापारियों के लिए क्यों नहीं। व्यापारी माल दबाकर नहीं रखता तो खाद के लिए किसानों के साथ महिलाओं को क्यों लगना पड़ता यह सोचने का विषय है।
क्या कहते हैं किसान
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रामबचन चौधरी, जमुरना : एक तो बाढ़ से हमलोग परेशान हैं। दूसरे बचे हुए धान के पौधे में यूरिया खाद को डालने की चिता सता रही है। खाद के लिए तीन दिन से बाजार आ रहे हैं। चौथे दिन बिस्कोमान केंद्र पर खाद मिलने की सूचना पर पहुंचे तो यहां लाइन में लगे लोग हंगामा कर रहे थे। फोटो नंबर-05
दिनेश प्रसाद, जुझारपुर: नुआंव में यूरिया मिल नहीं रही है। रामगढ़ भाग के सुबह ही लाइन में लग गए। लेकिन यहां के लोग धक्का मुक्की कर लाइन से बाहर कर दिए। खाद की जरूरत 10 बोरी यूरिया की है। खाद मिल रही है छह बोरी। बाजार में यूरिया नहीं मिल रही है।
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वीरेंद्र यादव, कान्ही: धूप के चलते लाइन में लगने पर हालत भी खराब हो रही है। यूरिया खाद पाने के लिए पांच घंटा लाइन में लगना पड़ रहा है। जिससे किसानों को परेशानी हो रही है। सरकार को चाहिए ससमय खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करे। ताकि किसान गोदाम पर खाद के लिए पहुंचे तो उसे आसानी से खाद मिल जाए।
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उर्मिला देवी, इसरी: खेती केवल पुरुष ही थोड़े करते हैं। महिला भी खेती करती हैं। उन्हें भी खाद चाहिए। इसलिए खाद के लिए बिस्कोमान केंद्र पर पहुंची हूं। सरकार सभी खाद की दुकानों पर यूरिया खाद उपलब्ध कराती तो हमलोगों को इस भीड़ में लाइन लगाकर यूरिया खाद लेने के लिए क्यों नौबत उठानी पड़ती।
वर्जन
काफी दिन बाद तीन हजार बोरी यूरिया उपलब्ध हुई है। जिला कृषि पदाधिकारी के निर्देशानुसार एक किसान को आधार कार्ड पर छह बोरी यूरिया देनी है। इस मारामारी में बिना पुलिस प्रशासन के खाद वितरण करना संभव नहीं है।
-अजय कुमार सिह, मैनेजर
बिस्कोमान केंद्र।