कैमूर। कोविड-19 को लेकर लॉकडाउन में जहां विभिन्न तरह की दुकानें और पूजा स्थल, पार्क आदि बंद हैं, वहीं कुदरा अंचल क्षेत्र में अवैध खनन इस माहौल में भी नहीं रुक सका है। यह बात ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय तो है ही, प्रशासनिक कार्रवाई में भी इसकी पुष्टि हुई। जिले के वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर जब स्थानीय प्रशासन ने छापेमारी की तो इलाके से होकर बहने वाली दुर्गावती नदी तट पर अवैध खनन कर रहे दो जेसीबी मशीनों और तीन ट्रैक्टरों को तथा उनके साथ मौजूद चार लोगों को पकड़ा गया। जिस स्थान पर अवैध खनन हो रहा था वह बहुत अधिक दूरदराज का इलाका न होकर कुदरा चेनारी पथ के समीप का क्षेत्र है, जिससे होकर दिन-रात लोगों व वाहनों का आवागमन होते रहता है। व्यस्त सड़क के समीप जेसीबी मशीन से अवैध खनन करना इसमें शामिल लोगों के बढ़े हुए मनोबल का परिचायक है। यह तथ्य इस बात की आशंका को भी बल देता है कि जिम्मेवार पदों पर मौजूद लोगों के संरक्षण के बिना इस तरह का गैरकानूनी दुस्साहस संभव नहीं है। अवैध खनन करने वाले सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि अन्य प्रखंडों के और पड़ोस के जिलों के लोग भी होते हैं।
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जानकार लोगों की मानें तो वर्षों से कुदरा थाना क्षेत्र के नदी तटीय इलाके रोहतास व कैमूर जिलों के अवैध खननकर्ताओं के लिए सुरक्षित क्षेत्र बने हुए हैं। प्रशासन की ताजा कार्रवाई में जिन लोगों को दुर्गावती नदी तट पर अवैध खनन करते हुए पाया गया उनमें भगवानपुर थाना के कसेर गांव के सुरेंद्र सिंह मौर्य, बेलांव थाना के पसाई गांव के रोशन पासवान, करमचट थाना के कुकुढ़ा गांव के राजीव रंजन कुमार तथा रोहतास जिला के करगहर थाना के गिरधरपुर गांव के बासुकीनाथ सिंह शामिल बताए गए हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन सभी लोगों को नामजद करते हुए बिहार खनिज अधिनियम 2019 की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। बता दें कि अवैध खनन की वजह से कुदरा अंचल क्षेत्र से होकर गुजरने वाली कुदरा और दुर्गावती नदियों का स्वरूप काफी बिगड़ गया है। अनेक जगहों पर अवैध खनन की वजह से इनकी गहराई इतनी हो चुकी है कि उनमें डूब कर आए दिन ग्रामीणों व मवेशियों की जान जाती रहती है। अवैध खनन की वजह से जीटी रोड और कुदरा चेनारी पथ के इलाके में वायु प्रदूषण इतना अधिक हो गया है कि लोगों को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा तक नहीं बची है। स्थानीय लोग बताते हैं कि हर रोज बालू और मिट्टी लदे अनगिनत ओवरलोड वाहनों की आवाजाही के चलते हवा में बालू और मिट्टी के कण तैरते रहते हैं जिनकी वजह से लोग श्वसन संबंधी रोगों के शिकार हो रहे हैं।
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