कैमूर। प्रखंड क्षेत्र में शनिवार और रविवार के दिन टीकाकरण को लेकर विशेष अभियान चलाया गया। प्रयास यह था कि सभी दस पंचायतों के एक एक गांव में केंद्र बनाया जाए, लेकिन कर्मियों की कमी की वजह से प्रत्येक दिन के लिए केवल छह टीम का ही गठन हो सका। रविवार के दिन प्रखंड के गोडसरा, गुड़ियां, बड्ढ़ा, कोनहरा, मुखराव और चौबेपुर-गौरा विद्यालयों को केंद्र बनाया गया था। चौबेपुर गांव में सुबह सुरक्षाकर्मी पहुंच गए और लोगों को सूचना देते हुए विद्यालय खोलकर बैठ गए। गांव के लोग भी धीरे धीरे टीका लेने के लिए विद्यालय परिसर में पहुंचने लगे। सभी लोग मेडिकल टीम का इंतजार करते रहे, लेकिन जब दिन के एक बजे तक कोई कर्मी नही पहुंचा तो लोग नाराज होने लगे। फोन से सूचना लेने पर लोगों को पता चला कि यहां नहीं बल्कि गौरा में टीकाकरण चल रहा है। निराश होकर लोग अपने अपने घर लौट गए।
इस संबंध में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गारा के प्रबंधक जे पी सिंह ने बताया कि चौबेपुर में टीकाकरण होना हीं नहीं था। गार्ड कैसे पहुंच गया, इसके बारे में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दुमदुमा के प्रभारी बता सकते हैं। क्योंकि गार्ड वहीं का था। वहीं एपीएचसी प्रभारी दुमदुमा चंद्रमा सिंह ने कहा कि गार्ड या किसी भी कर्मी की ड्यूटी पीएचसी गारा द्वारा लगाई जाती है। यह कैसे हुआ इसके विषय में वहीं से जानकारी प्राप्त हो सकती है। अब यह गड़बड़ी कहां से हुई यह तो स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी ही जाने, लेकिन उनकी इस लापरवाही से ग्रामीण बेवजह परेशान भी हुए और उन्हें टीका भी नहीं लग सका। ग्रामीण रामानुज दुबे, श्रीकांत उपाध्याय, जगदीश राम, बेचन साह, शिवसागर चौबे, वशिष्ठ चौबे, संजय चौबे सहित कई अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सुबह गार्ड के कहने पर टीका लगवाने के लिए केंद्र पर चले आए।
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