कैमूर। जिले के रामपुर प्रखंड क्षेत्र के अमांव गांव के किसान राजधार मौर्य के पुत्र प्रदीप कुमार को उच्च शिक्षा पाने के बाद भी नौकरी नहीं मिली। जब नौकरी की आस टूट गई तो वे अपने गांव में खेती-बाड़ी शुरू कर दिए। पिता पारंपरिक खेती करते हैं। जबकि पुत्र प्रदीप परंपरागत खेती से हटकर सब्जी की खेती कर रहे हैं। जिसकी बदौलत प्रदीप आज जिले के समृद्ध किसान बन गए हैं। इस बार उनके बैगन के उत्पाद को बिहार उद्यान महोत्सव में आयोजित प्रदर्शनी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मिला है।
बता दें कि बीते 26 फरवरी को पटना में उद्यान विभाग की देखरेख में उद्यान महोत्सव सह प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में सम्मिलित होने के लिए कैमूर जिले से लगभग आधा दर्जन से अधिक किसान अपने अपने सब्जी के उत्पाद को लेकर पहुंचे। जिसमें रामपुर प्रखंड के युवा किसान प्रदीप कुमार मौर्य के बैंगन उत्पाद का चयन किया गया। जिसके तहत उन्हें पूरे प्रदेश में प्रथम पुरस्कार देकर नवाजा गया। इस पुरस्कार को पाने वाले प्रदीप को 5000 की राशि व प्रमाण पत्र पुरस्कार स्वरूप दिया गया है। युवा किसान प्रदीप ने बताया कि एम कॉम की शिक्षा प्राप्त करने के बाद नौकरी के लिए काफी प्रयास किया। नौकरी पाने में सफल नहीं होने पर पिता के साथ ही खेती करने की ठान ली। पिता परंपरागत खेती करते हैं। जबकि वह कम समय में अधिक उत्पाद देने वाली सब्जी की खेती करते हैं। एक एकड़ में बैगन की खेती करने पर लगभग 40 हजार का खर्च आता है। एक एकड़ में उत्पादित फसल का लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये प्राप्त हो जाता है। कंपोस्ट खाद का अधिक से अधिक प्रयोग करते हैं। जिसमें गोबर आदि का उपयोग कर ही फसल के उत्पादन को प्राप्त कर बाजार में बेचने का काम किया जाता है।
उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद नौकरी नहीं मिलने की स्थिति में हताश होने की जरूरत नहीं है। आज के आधुनिक युग में वैज्ञानिक तरीके से खेती करने से अधिक से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। युवा किसान ने यह भी बताया कि जिला उद्यान विभाग समय-समय पर कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से खेती के उत्पाद को बढ़ाने के तरीके का प्रशिक्षण देता है। इसके लिए जिला व राज्य के बाहर भेज पर प्रशिक्षण दिलाने का काम भी किया जा रहा है। इसका लाभ सभी किसानों को मिल रहा है। बता दें कि कैमूर जिला पूरी तरह से कृषि प्रधान जिला है। यहां की मुख्यत: धान की फसल उत्पादित होती है। कैमूर जिले की पहचान पूरे राज्य में धान के कटोरे के रूप में बनी हुई है। प्रदीप के पिता राजधार मौर्य जिले के प्रगतिशील किसान है। वर्तमान समय में रामपुर प्रखंड के किसान सलाहकार समिति के अध्यक्ष भी हैं।
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