भभुआ। जिले में पंचायत चुनाव को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है। इसी क्रम में 27 जनवरी तक क्षेत्र में मतदान केंद्रों की जांच कर उसकी रिपोर्ट डीएम को सौंपनी है। बिहार में पंचायत चुनाव अप्रैल और मई माह में हो सकता है। चुनाव से पहले जिले में अधिकृत अधिकारियों को मतदान केंद्र का जायजा लेना है। सभी मतदान केंद्र की सूची और निरीक्षण करने का जिम्मा प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा गया है। उसके बाद मतदान केंद्र की सूची जिला निर्वाचन पदाधिकारी आयोग को सौंपेंगे। वर्तमान मुखिया के घर से 100 मीटर की दूरी पर केंद्र नहीं बनाया जा सकता है और ऐसा होने पर अधिकृत पदाधिकारी को ही जिम्मेदार माना जाएगा। जरूरत के अनुसार नए बूथ का भी गठन होगा। चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार बिहार में मुखिया - सरपंच व अन्य पदों का चुनाव इवीएम से कराया जाएगा। पंचायत चुनाव के लिए जिला के सभी मतदान केंद्रों की सूची का अंतिम प्रकाशन दो मार्च तक कर दिया जाएगा। अभी मतदान केंद्र की सूची और निरीक्षण करने का जिम्मा प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा गया है। इसके अलावा मतदान केंद्रों का अंतिम सूची आयोग के सहमति से ही प्रकाशित की जाएगी। संभवत: होली के बाद पंचायत चुनाव की तिथि की घोषणा की जा सकती है। चुनाव की निष्पक्षता पर कोई सवाल न हो इसके लिए चुनाव आयोग ने कई नए नियम लागू किए हैं। इसके तहत बिहार पंचायत चुनाव में वर्तमान मुखिया के घर के 100 मीटर के अंदर बूथ नहीं बनाया जा सकता। इसके अलावा किसी निजी भवन, परिसर, थाना, अस्पताल, डिस्पेंसरी, मंदिर या धार्मिक स्थान पर बूथ नहीं बनाए जा सकते हैं। अभी 27 जनवरी तक जिलाधिकारी से मतदान केंद्रों की सूची मांगी गई है।
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