जासं, नवादा : चुनावी मौसम में पाला बदल आम बात हो गई है। कल तक जिस दल में थे, खुद को सच्चा सिपाही बताते थे। लेकिन, चुनावी मौसम में कई नेता रातों-रात पाला बदल उम्मीदवार बन बैठे, तो कई कार्यकर्ता टाइप नेता जी को अपने दल या गठबंधन का उम्मीदवार रास नहीं आया तो दूसरे दल के प्रत्याशी के साथ हो लिए। कुछ सामने आ चुके हैं तो कुछ अच्छे समय के इंतजार में हैं। ऐसा कोई एक इलाके में नहीं बल्कि सभी क्षेत्रों में हो रहा है। कहीं-कहीं तो पूरी की पूरी पार्टी यूनिट ही इधर से उधर हो गई। चुनावी चौपालों में ऐसे लोग चर्चा के केंद्र में हैं। लोजपा के गोविदपुर व नवादा के प्रत्याशी रातोरात भाजपा से चलते बने, तो उनके साथ भाजपा के कई कार्यकर्ता भी हो लिए। रजौली में दोनों प्रमुख गठबंधनों के उम्मीदवार कार्यकर्ताओं को रास रास नहीं आए तो नया घोड़े को ही मैदान में उतार उसके साथ हो गए। वारिसलीगंज में एनडीए के एक सहयोगी दल की पार्टी युनिट ही निर्दलीय प्रत्याशी के साथ खड़े हो गए। नवादा में भाजपा के साथ ही पूर्व सीएम मांझी की पार्टी के एक बड़े नेता ही बगावत कर उम्मीदवार बन बैठे। फेहरिस्त लंबी है।
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