हैप्पी बर्थडे डेल स्टेन: दक्षिण अफ्रीका के सबसे घातक तेज गेंदबाज

अपनी तेज गति और गेंद को दोनों ओर स्विंग कराने की क्षमता की बदौलत विश्व क्रिकेट के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाज बने डेल स्टेन आज अपना 37वां जन्मदिन मना रहे हैं। स्टेन की लाल डरावनी आंखें और विकेट का जश्न मनाने के आक्रामक तरीके ने बड़े बड़े बल्लेबाजों के मन में खौफ पैदा किया। अपने इसी रवैए की वजह से दक्षिण अफ्रीका के इस घातक गेंदबाज को 'स्टेन गन' कहा जाता है।

27 जून 1983 को पैदा हुए स्टेन बचपन में क्रिकेट नहीं बल्कि स्केटबोर्डिंग खेला करते थे। लेकिन जब वो अपने होमटाउन फलबोरवा से प्रिटोरिया जैसे बड़े शहर शिफ्ट हुए तब क्रिकेट में उनकी दिलचस्पी बढ़ गई। मात्र सात प्रथम श्रेणी मैच खेलने के बाद स्टेन को राष्ट्रीय टीम में जगह मिली।
स्टेन ने साल 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ मैच में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। हालांकि इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में उनका प्रदर्शन खास नहीं रहा और वो टीम से ड्रॉप हो गए। जिसके बाद स्टेन ने काउंटी क्रिकेट का रुख किया। उन्होंने 2005-06 काउंटी चैंपियनशिप सीजन में एसेक्स के लिए खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया और इसी के दम पर दक्षिण अफ्रीका टीम में उनकी वापसी हुई।
कमबैक के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में 16 विकेट लेकर स्टेन ने समीक्षकों और फैंस पर अपना प्रभाव छोड़ा। साल 2008 में स्टेन ने ना केवल 100 टेस्ट विकेट पूरे किए बल्कि दक्षिण अफ्रीका के सबसे तेज गेंदबाज बने। उसी साल सितंबर में स्टेन को आईसीसी प्लेयर ऑफ ईयर का खिताब मिला।
साल 2012 में स्टेन ने एक और उपलब्धि अपने नाम की और टेस्ट क्रिकेट में 300 विकेट लेने वाले चौथे दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज बने। लेकिन उनके फैंस उन्हें दक्षिण अफ्रीका के सबसे सफल गेंदबाज के तौर पर देखना चाहते हैं और इसके लिए स्टेन को पूर्व दिग्गज शॉन पोलाक को पीछे छोड़ना था।
लेकिन 30 साल पूरे करने के बाद स्टेन के करियर को इंजरी ने घेर लिया। साल 2013 चैंपियंस ट्रॉफी में साइड स्ट्रेन से शुरू हुआ ये सिलसिला अगले साल तीन हैमस्ट्रिंग इंजरी तक चला। हालांकि इसके बावजूद स्टेन ने साल 2015 के विश्व कप में हिस्सा लेकिन एक बार फिर प्रोटियाज टीम ने अपने चोकर्स के टाइटल को सही साबित किया और सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई। आखिरी ओवर में स्टेन की गेंद पर छक्का लगाकर ग्रांट इलियॉट ने कीवी टीम का फाइनल का टिकट पक्का किया। दुखी और हताश स्टेन की तरफ हाथ बढ़ाते हुए इस कीवी बल्लेबाज की तस्वीर क्रिकेट फैंस की यादों में आज भी ताजा है।
विश्व कप के बाद स्टेन एक बार फिर चोटों से परेशान हुए। साल 2015 में भारत दौरे पर टेस्ट सीरीज के दौरान स्टेन को ग्रॉइन स्ट्रैन की वजह से सीरीज से बाहर होना पड़ा। जिसके बाद उन्होंने दिसंबर में इंग्लैंड के खिलाफ वापसी की लेकिन कंधे की चोट ने उन्हें फिर घर बैठा दिया। अगले ढाई साल तक स्टेन ने कोई और अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला।
साल 2018 में स्टेन ने भारत के खिलाफ केपटाउन टेस्ट के साथ मैदान पर वापसी की लेकिन वो पूरी सीरीज का हिस्सा नहीं बन सके। इसी साल श्रीलंका के खिलाफ खेली टेस्ट सीरीज के दो मैचों में स्टेन ने मात्र दो विकेट लेकिन हालांकि असली सफलता उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू सीरीज में मिली।
2018 में पाकिस्तान के खिलाफ सेंचुरियन में खेले पहले टेस्ट के पहले दिन फखर जमान को आउट कर स्टेन ने अपना 422वां टेस्ट विकेट लिया और दक्षिण अफ्रीका के लिए सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने।
2019 में पोर्ट एलिजाबेथ में श्रीलंका के खिलाफ खेला गया मैच उनके टेस्ट करियर का आखिरी मैच साबित हुआ। 93 टेस्ट मैचों में 439 विकेट ले चुके स्टेन ने पिछले साल टेस्ट क्रिकेट संन्यास का ऐलान कर दिया। हालांकि स्टेन अब भी वनडे और टी20 फॉर्मेट मे खेल रहे हैं और आगामी टी20 विश्व कप में उनके खेलने की उम्मीद है।

अन्य समाचार