फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फेनटिनो उन सदस्यों में शामिल थे जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के पक्ष में मतदान किया। इस महिला विश्व कप में पहली बार 32 टीमें भाग लेंगी। इसके बाद इसे हर चार साल की बजाय हर दो साल में आयोजित करने के पिछले सुझाव को भी दोहराया गया।
इनफेनटिनो ने ज्यूरिख में फीफा मुख्यालय से पत्रकारों से कहा, 'हमें महिला फुटबॉल को बढ़ावा देने की जरूरत है। अगर आप हर समय चार साल तक इंतजार करोगे तो यह लंबा समय हो जाएगा।' फीफा के फैसले का मतलब है कि दक्षिण अमेरिका को पहली बार महिला विश्व कप की मेजबानी के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। यह टूर्नामेंट 1991 से खेला जा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 2023 में होने वाला टूर्नामेंट पहला ऐसा विश्व कप होगा जिसे दो देश और दो भिन्न फीफा परिसंघों के सदस्य मिलकर आयोजित करेंगे। ऑस्ट्रेलिया एशियाई फुटबॉल परिसंघ जबकि न्यूजीलैंड ओसियाना फुटबॉल परिसंघ का सदस्य है। महिला फुटबॉल रैंकिंग में सातवें स्थान पर काबिज ऑस्ट्रेलिया और 23वें नंबर का न्यूजीलैंड मेजबान होने के कारण टूर्नामेंट के लिए स्वत: ही क्वालीफाई कर जाएंगे। (भाषा)