शोएब मलिक ने क्यों कहा, भारत-पाकिस्तान क्रिकेट की दुनिया को है सख्त जरूरत

लाहौर: कोरोना वायरस का कहर क्रिकेट सहित अन्य खेलों पर जमकर बरपा है। 8 जुलाई को इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेले जाने वाले तीन मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की तकरीबन चार महीने बाद वापसी होने जा रही है। कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर के क्रिकेट बोर्ड को मोटा नुकसान उठाना पड़ा है। इसकी वजह से उन्हें अपने स्टाफ और खिलाड़ियों की तनख्वाह में भी कटौती करनी पड़ी है।

ऐसे में पाकिस्तान के अनुभवी ऑलराउंडर शोएब मलिक को लगता है कि जल्दी से जल्दी भारत और पाकिस्तान के बीच सीरीज शुरू होनी चाहिए क्योंकि विश्व क्रिकेट को इसकी सख्त जरूरत है। मलिक ने कहा कि इन दोनों के बीच सीरीज की टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की एशेज सीरीज जैसी ही जरूरत है। दुनिया को है भारत पाकिस्तान क्रिकेट का इंतजारदोनों एशियाई देशों के बीच राजनीतिक विवादों के कारण साल 2007 के बाद से कोई भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली गई है। दोनों चिरप्रतिद्वंद्वी टीमों का केवल आईसीसी या एशिया कप टूर्नामेंट्स में आमना-सामना होता है। ऐसे में मलिक ने कहा, मुझे लगता है कि विश्व को इस प्रतिद्वंद्विता के शुरू होने का इंतजार है, ठीक उसी तरह जैसे विश्व क्रिकेट को एशेज चाहिए।
एशेज जैसा है दोनों के बीच क्रिकेट का महत्व उन्होंने कहा, क्या इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया एशेज के बिना टेस्ट क्रिकेट के बारे में सोच सकते हैं? दोनों सीरीज एक ही तरह के जुनून के साथ खेली जाती हैं और इनका अतीत में अच्छा खासा इतिहास है। इसलिए यह शर्म की बात है कि हम इस समय नहीं खेल रहे हैं। साथ ही, मेरे पाकिस्तानी दोस्त हैं जो भारतीय क्रिकेटरों के बारे में बात करना पसंद करते हैं। इसी तरह जब हम भारत के लिए खेलते हैं तो मुझे और मेरी टीम के साथियों को प्यार और समर्थन दिया जाता है। मैं इसे जल्दी से जल्दी वापसी करते हुए देखना चाहता हूं।
पूरी दुनिया की नजरें कोरोना की वजह से हुए नुकसान की भरपाई के लिए टीम इंडिया के साथ मैच खेलने पर टिकी हुई हैं। ऐसे में कंगाली की कगार पर पहुंच चुका पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड भी भारत के साथ सीरीज खेलना चाहता है। शोएब मलिक से पहले शोएब अख्तर भी भारत पाकिस्तान मैच को लेकर ऐसे बयान दे चुके हैं। वहीं शाहिद अफरीदी भी कह चुके हैं कि जब तक मोदी हैं दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों की बहाली नामुमकिन है।

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