नई दिल्ली: पाकिस्तान के ऑलराउंडर शोएब मलिक ने कहा कि 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के बाद उनकी युवराज सिंह से काफी विशेष बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि क्रिकेट से बहुत अच्छी दोस्ती बनाने में मदद मिलती है। शोएब मलिक ने कहा कि 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में पाकिस्तान की ऐतिहासिक जीत के बाद डाइनिंग रूम में जब वो बात कर रहे थे तो युवराज सिंह ने उन्हें टीम के साथियों के साथ जश्न में शामिल होने के लिए कहा।
भारत की करारी हार
पाकिस्तान ने 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारतीय टीम को 180 रन के विशाल अंतर से मात दी थी। लंदन में खेले गए मुकाबले में फखर जमान के शतक और मोहम्मद हफीज व बाबर आजम के उम्दा योगदान की बदौलत पाकिस्तान ने 338 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर ने पाकिस्तान के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर के सामने सरेंडर कर दिया। आमिर ने रोहित शर्मा, विराट कोहली और शिखर धवन को 10 ओवर के भीतर पवेलियन पहुंचा दिया।
भारतीय टीम इन झटकों से पूरे मैच में नहीं उबर सके। हालांकि हार्दिक पांड्या ने बाद में कुछ उम्दा शॉट्स जरूर जमाए, लेकिन टीम इंडिया केवल 158 रन बनाकर ऑलआउट हो गई।
चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के बाद युवराज सिंह के साथ बातचीत के पल को याद करते हुए मलिक ने कहा कि यह उनके लिए विशेष याद है। मलिक ने पाक पेशन डॉट नेट से बातचीत में कहा, '2017 में वो टूर्नामेंट जीतने के बाद बहुत अच्छा महसूस हो रहा था कि एक और आईसीसी ट्रॉफी जीती, लेकिन मेरी इससे जुड़ी एक और याद है, जो बहुत खास है। मुझे याद है कि फाइनल के बाद डाइनिंग हॉल में युवराज सिंह से बात कर रहा था। हम लगातार बात कर रहे थे कि तभी युवी ने मुझे कहा, 'तुम्हारी टीम वाले जश्न मना रहे हैं। इस विशेष पल के मौके को मत गंवाओ। तुम्हें उनके साथ जश्न मनाना चाहिए'। यह छोटा सा उदाहरण है कि कैसे क्रिकेट बहुत अच्छी दोस्ती बनाने में मदद करता है जबकि यह मायने नहीं रखता कि कहां से हुई। हम मैदान पर लड़ते है और अपने देश के लिए जीतना चाहते हैं, लेकिन मैदान के बाहर हम अच्छे दोस्त हैं।'
जिंदगीभर मनाएंगे जश्न: सरफराज
18 जून को सरफराज अहमद ने अपने बेटे के साथ पाकिस्तान की ऐतिहासिक जीत की तीसरी सालगिरह मनाई। इस जीत पर सरफराज ने कहा कि वो इसका जिंदगीभर जश्न मनाएंगे।
सरफराज ने क्रिकट्रेकर से बातचीत में कहा, 'लंबे समय बाद बड़े इवेंट में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जीत दर्ज की थी। उनकी मजबूत टीम थी और लंबे समय बाद बड़े टूर्नामेंट में हमने उन्हें मात दी थी। इसलिए पाकिस्तान में हर कोई खुश था। मेरे और मेरे परिवार वालों के लिए 18 जून यादगार है। कोई इस दिन को नहीं भूलता।'