नई दिल्ली: क्रिकेट को आमतौर पर बल्लेबाजों की श्रेष्ठता वाला खेल माना जाता है. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के नियम भी बल्लेबाजों को ही ज्यादा सहयोग करते हैं. लेकिन गेंदबाजों ने भी अपनी काबिलियत का लोहा मनवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. कम से कम टेस्ट क्रिकेट में तो गेंद और बल्ले के बीच संघर्ष का नजारा आज भी कई बार देखने को मिल जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 5 दिन तक चलने वाले टेस्ट मैचों के 143 साल लंबे इतिहास में महज 3 ही मौके ऐसे रहे हैं, जब टेस्ट मैच के दौरान गेंद की ताकत बल्ले पर ऐसी भारी पड़ी है कि दोनों टीमों की चारों पारियां एक ही दिन में खेली गईं. सुनने में ही लग रहा है न आश्चर्यजनक. इस हैरतअंगेज रिकॉर्ड में भारतीय क्रिकेट भी एक मौके पर शामिल रही है.
सैयद किरमानी ने धोनी को लेकर किया खुलासा, ऐसे हुआ था माही का सेलेक्शन
सबसे पहली बार इंग्लैंड-वेस्टइंडीज के बीच हुआ मुकाबला टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहली बार एक ही दिन में दोनों टीमों की चारों पारियां खेले जाने का अनूठा रिकॉर्ड इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच साल 2000 में सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में देखने को मिला. देखिए मुकाबले में ऐसा ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनने जा रहा था तो कुदरत ने उसके लिए मैदान भी ऐतिहासिक ही चयनित किया. यह टेस्ट मैच खेला गया था क्रिकेट का मक्का कहलाने वाले लॉडर्स क्रिकेट ग्राउंड में.
इंग्लैंड के कप्तान एलेक स्टीवर्ट (Alec Stewart) ने टॉस जीतकर वेस्टइंडीज को पहले बल्लेबाजी का मौका दिया. कैरिबियाई टीम मैच के दूसरे दिन यानी 30 जून को 267 रन पर लुढ़क गई. इसके बाद उतरी इंग्लैंड की टीम कर्टले एंब्रोस (Curtly Ambrose) और कर्टनी वॉल्श (Courtney Walsh) की भयानक तेज गेंदबाजी के सामने उसी दिन 134 रन पर लुढ़क गई. दोनों गेंदबाजों ने 4-4 विकेट चटकाए.
बढ़त से फूली नहीं समा रही कैरेबियाई टीम की मुस्कान को खत्म किया इंग्लिश तेज गेंदबाज एंड्रु कैडिक (Andrew Caddick) और डोमिनिक कॉर्क (Dominic Cork) की जोड़ी ने. कैडिक ने 16 रन देकर 5 विकेट लिए और पहली पारी में भी 4 विकेट लेने वाले कार्क ने 13 रन देकर 3 विकेट चटकाए. इनके अलावा पहली पारी में 4 विकेट लेने वाले डैरेन गफ (Darren Gough) ने भी 17 रन देकर 2 विकेट ले लिए.
पूरी कैरेबियाई टीम महज 54 रन पर सिमट चुकी थी. इंग्लैंड को जीत के लिए लक्ष्य मिला 188 रन का, जिसमें उन्होंने 30 जून को ही मैच की चौथी पारी का आगाज करते हुए मार्क रामप्रकाश (Mark Ramprakash) का विकेट भी खो दिया. तीसरे दिन इंग्लैंड की टीम कार्क के आखिरी पलों में बनाए गए नाबाद 33 रन से मैच जीत गई, लेकिन इससे पहले असली इतिहास तो दूसरे दिन ही बन चुका था.
2002 में आया भारत का भी नंबर टीम इंडिया के लिए न्यूजीलैंड का दौरा हमेशा से विकट परिस्थितियों वाला माना जाता रहा है. कारण है, वहां का बिल्कुल अलग मौसम और अन्य हालात. ऐसे में साल 2002 के दौरे पर टीम इंडिया ने भी एक ही दिन में चारों पारी खेले जाने के इस इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया. हैमिल्टन की पिच पर पहले दिन बारिश के कारण खेल नहीं हुआ तो दूसरे दिन का खेल खत्म हुआ भारत के 8 विकेट महज 92 रन पर गिर जाने के साथ. तीसरे दिन सुबह भारतीय टीम की पारी महज 99 रन पर सिमट गई.
न्यूजीलैंड के लिए शेन बॉन्ड (Shane Bond) और डेरेल टफी (Daryl Tuffey) ने 4-4 विकेट लिए. जवाब में भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान (Zaheer Khan) ने कहर बरपाने वाली गेंदबाजी की और महज 29 रन देकर 5 विकेट चटकाते हुए न्यूजीलैंड को केवल 94 रन पर समेट दिया. आशीष नेहरा (Ashish Nehra) और हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने 2-2 विकेट लेकर उनका साथ दिया. यह दुनिया का इकलौता मैच है, जिसमें किसी टीम ने पहली पारी में 100 से कम रन बनाने के बावजूद पहली पारी की बढ़त हासिल कर ली.
साथ ही यह उस समय न्यूजीलैंड का भारत के खिलाफ सबसे कम टेस्ट स्कोर का नया रिकॉर्ड भी था. भारत की दूसरी पारी भी महज 154 रन बनाकर इसी दिन सिमट गई. इसे समेटने में फिर से टफी ने 4 विकेट लेकर अहम योगदान दिया, लेकिन इस बार उन्हें साथ मिला 4 विकेट लेने वाले जैकब ओरम (Jacob Oram) का. न्यूजीलैंड ने भी अपनी दूसरी पारी इसी दिन चालू कर ली और बिना विकेट खोए 24 रन बनाए. मैच के चौथे दिन न्यूजीलैंड ने ये टेस्ट मैच 4 विकेट से जीत लिया, लेकिन इतिहास तो बन ही चुका था.
तीसरी बार ऑस्ट्रेलिया-दक्षिण अफ्रीका की रही भिड़ंत टेस्ट इतिहास में एक ही दिन में चारों पारियां खेले जाने का तीसरा उदाहरण 2011 में ऑस्ट्रेलिया-दक्षिण अफ्रीका के बीच केपटाउन टेस्ट में सामने आया. टेस्ट के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी के बचे हुए 2 विकेट गंवाए और उसकी पारी 284 रन पर सिमट गई. जवाब में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी महज 96 रन पर समेट दी. शेन वॉटसन (Shane Watson) ने 5 और रेयान हैरिस (Ryan Harris) ने 4 विकेट लिए.
अब बारी थी दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की. वेर्नोन फिलेंडर (Vernon Philander) की अगुआई में डेल स्टेन (Dale Steyn) और मोर्ने मोर्कल (Morne Morkal) ने आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी को उसके सबसे कम टेस्ट स्कोर 47 रन पर ही खत्म कर दिया. फिलेंडर ने 15 रन पर 5, स्टेन ने 23 रन पर 2 और मोर्कल ने 9 रन देकर 3 विकेट लिए. मेजबान दक्षिण अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी इसी दिन शुरू की और एक विकेट गंवा दिया. अगले दिन दक्षिण अफ्रीका ने कप्तान ग्रीम स्मिथ (Greame Smith) ने नॉटआउट 101 रन और हाशिम अमला (Hashim Amla) ने 112 रन ठोककर अपनी टीम को रिकॉर्ड जीत दिला दी.