वैशाली : वैशाली जिले के कुख्यात धर्मेन्द्र गोप सहित चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली है। इनमें एक अपराधी लालगंज थाने के बलुआ बसंता गांव निवासी व मुथुट फाइनेंस के 55 किलो 777 ग्राम लूट मामले में शामिल वीरेन्द शर्मा भी बताया जा रहा है। हालांकि अभी तक इन शातिर अपराधियों की गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पकड़े गए इन अपराधियों की निशानदेही पर वैशाली पुलिस इनके अन्य साथियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास में जुटी हुई है और संभवत: इस कारण अपराधियों की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं कर रही है। अपराधियों के पास लूट का कुछ सोना और हथियार मिलने की चर्चा भी हो रही है। लेकिन सोना कितना है और हथियार कौन-कौन से हैं, इस संबंध में भी पुलिस पर्दाफाश नहीं कर रही है।
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मालूम हो कि 23 नवंबर 2019 को हाजीपुर सिनेमा रोड स्थित मुथुट फाइनेंस के कार्यालय में धाबा बोलकर हथियारबंद अपराधियों ने करीब 20 करोड़ रुपये का 55 किलो 777 ग्राम सोना लूट लिया था। मात्र 20 मिनट में अपराधियों ने लूट की इस बड़ी वारदात को अंजाम दिया था और आराम से भाग निकले थे। सोना लूट की इस बड़ी घटना के बाद वैशाली पुलिस ने जिन अपराधियों की तस्वीरें जारी की थीं, उनमें लालगंज थाने के बलुआ बसंता गांव निवासी राजेन्द्र शर्मा के पुत्र वीरेन्द्र शर्मा की भी तस्वीर थी। इसके अलावा समस्तीपुर जिले के दलसिंह सराय थाने के साहपुर पगरा गांव निवासी विकास झा और बिदुपुर थाने के गोखुलपुर गांव निवासी शातिर मुकुल कुमार राय की तस्वीर थी।
हत्या के कई मामलों में पुलिस को थी धर्मेन्द्र गोप की तलाश विगत 05 अप्रैल 2014 को खजबत्ती गांव में दिन दहाड़े सामूहिक दुष्कर्म कांड के गवाह राजदेव राय की दरवाजे पर चढ़कर गोली मारकर हत्या कर अपराध की दुनिया में खपुरा निवासी धर्मेंद्र गोप ने कदम रखा था। बताया जाता है कि तब वह नाबालिग था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार तो कर लिया था, परन्तु उम्र 18 वर्ष से कम रहने के कारण छह माह के अंदर ही जुवेनाइल कोर्ट से जमानत मिलने पर वह बाहर आ गया था। बाहर निकलते ही वह आपराधिक गतिविधियां में पूरी लिप्त हो गया। उसका बड़ा भाई खजबत्ती दुष्कर्म कांड का मुख्य आरोपित अरविद गोप जो उस समय हाजीपुर जेल में बन्द था, उसका संरक्षण उसे मिल रहा था। भाई के नाम पर धर्मेन्द्र गोप ने कई लोगों से रंगदारी भी वसूली की। गांव में कुछ लोगों की जमीन भी हड़प ली। वह दूसरे जिले में भी जाकर वारदातों को अंजाम देने लगा। उसकी गतिविधि वैशाली, समस्तीपुर जिला के शाहपुर पटोरी, मोहिउद्दीननगर, मोहनपुर थाना, बेगूसराय, छपरा,पटना आदि जिले में भी जारी रही। वर्ष 2017 में खपुरा निवासी अवकाशप्राप्त शिक्षक सहदेव राय को उस समय गोली मार दी थी जब गांव में एक बरात आई हुई थी। 22 अगस्त 2018 को खजबत्ती निवासी शिक्षक राजन रजक की पानापुर दिलावरपुर चौक के निकट गोली मारकर हत्या कर दी थी। सफेद बालू, विदेशी शराब, गांजा कारोबार सहित अन्य अवैध कारोबार में उसके शामिल होने की सूचना है। इसके गिरोह में पानापुर कयाम, मथुरा, पानापुर दिलावरपुर, मजलिशपुर, गोपालपुर, इजरा सहित राघोपुर दियारा क्षेत्र के काफी संख्या में बदमाश शामिल हैं। सोना लूटकांड में भी इसका हाथ होने की बात कही जा रही है।
Posted By: Jagran
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