हाजीपुर : चमकी बुहार होने पर शुरुआत के चार घंटे काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान जो भी बच्चे एम्बुलेंस से लाए जाएं उनकी उचित देखभाल और प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मिलना जरूरी है। ये बातें वैशाली के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ज्ञान शंकर ने कही। मौका था एईएस पर मंगलवार को जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में एम्बुलेंस के इमरजेंसी मेडिकल टीम के प्रशिक्षण का।
इस मौके पर एसीएमओ ने कहा कि यह प्रशिक्षण प्रधान सचिव के निर्देश पर एईएस प्रभावित क्षेत्र के एबुंलेंस मेडिकल टेक्नीशियन की क्षमता को बढ़ाने के लिए है। जिले में जिस भी प्रखंड में एम्बुलेंस की समस्या या दिक्कत है , वहां उस कमी को पूरा किया जा रहा है। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि अगर उनके बच्चे में चमकी बुखार के लक्षण दिखाई दे तो उसे तुरंत ही नजदीकी पीएचसी पर लेकर जाएं। यह प्रशिक्षण केयर के डॉ. ऐनी ने दिया।
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उन्होंने ईएमटी को इमरजेंसी में निपटने के लिए एहतियात और जरूरी प्रशिक्षण प्रदान किया जिसमें सोडियम की कमी को तुरंत पूरा करना, लाइफ सर्पोटिग सिस्टम सहित अन्य जानकारियां थी। अभी फैलायी जा रही है जागरूकता केयर जिला संसाधन इकाई के डीटीएल सुमित ने कहा कि अभी एईएस प्रभावित क्षेत्र में जागरूकता का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें दिवाल लेखन, सामुदायिक बैठक, आशा और एएनएम द्वारा जागरूकता भी फैलायी जा रही है। वहीं पोषक क्षे़त्रों के बच्चों को दूध भी उपलब्ध कराया जा रहा है। आरोग्य दिवस के मौके पर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सप्ताह के दो दिन जेई के टीके भी लगाये जा रहे हैं। कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ ज्ञान शंकर, नाइमा, स्मिता, स्वर्णलता, वीणा, अनुराधा, कनकलता सहित सभी प्रखंडों से इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन मौजूद थे।
Posted By: Jagran
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