संवाद सूत्र, सहदेई बुजुर्ग :
सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के विभिन्न क्वारंटाइन सेंटरों में बदतर व्यवस्था के बीच प्रवासी रहने को मजबूर हैं। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं और बच्चों को उठानी पड़ रही है।
सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय क्वारंटाइन सेंटर पर रह रही महिलाओं और बच्चों को एक सप्ताह के बाद भी साड़ी और कपड़ा नहीं मिला है। यहां रहने गाजियाबाद से आई महिला के अनुसार वह तीन बच्चों के साथ कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय क्वारंटाइन सेंटर पर रह रही है। लेकिन उसे आज तक ना तो पहनने के कपड़े मिले और न ही बच्चों के लिए। उसने शिकायत करते हुए कहा कि उसे मच्छरदानी नहीं मिली है, जिसके कारण बच्चों को सोने में परेशानी हो रही है। महिला ने कहा कि तीन बच्चे और एक उसको लेकर चार लोगों के बीच केवल एक थाली सेट ही उसे दिया गया है। वहीं एक अन्य महिला ने कहा कि उसके छोटे बच्चे हैं, जिन्हें सेंटर पर दूध नहीं मिल रहा है। उसने कहा कि कई दिनों के बाद मंगलवार को बच्चे को दूध मिला।
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इस केंद्र पर रह रही एक अन्य महिला ने बताया कि मंगलवार के दिन जो भोजन मिला उसमें चावल में कीड़ा था। महिलाओं के अनुसार उसे किट के नाम पर केवल कुछ सामान ही उपलब्ध कराया गया है। इन महिलाओं के अनुसार सयानी बच्चियों एवं छोटे-छोटे बच्चे बच्चियों को साथ महिलाओं को साड़ी-कपड़ा आदि मिलना था। वह सब अभी तक नहीं दिया गया। जबकि इसको लेकर कई बार केंद्र पर आने वाले पदाधिकारियों से कहा जा चुका है। कपड़ा आदि नहीं मिलने से महिलाएं आक्रोशित थीं और इसको लेकर स्थानीय पदाधिकारी एवं सरकार को कोस रही थीं।
Posted By: Jagran
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