इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी बेन स्टोक्स ने पिछले साल विश्व कप में अपनी टीम के खिलाफ मैच में रनों का पीछा करने के दौरान भारत के रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें रोहित शर्मा और विराट कोहली की साझेदारी 'रहस्यमयी' लगी जबकि महेन्द्र सिंह धोनी ने जज्बा नहीं दिखाया।
स्टोक्स ने भारतीय कप्तान कोहली की 59 मीटर की सीमारेखा की शिकायत को 'हताशा' करार दिया। बर्मिंघम में खेले गये इस मैच में इंग्लैंड ने सात विकेट पर 337 रन बनाने के बाद 31 रन से जीत दर्ज की थी।
स्टोक्स ने कहा, ''धोनी जब बल्लेबाजी के लिए आये थे तब भारतीय टीम को 11 ओवर में 112 रन चाहिए थे और उन्होंने अजीब तरीके से बल्लेबाजी की। वह गेंद को सीमारेखा के पार भेजने से ज्यादा एक रन लेने को आतुर दिखे। भारतीय टीम आखिरी 12 गेंद में भी जीत सकती थी।''
स्टोक्स ने कहा, ''धोनी और केदार जाधव की साझेदारी में जीत की ललक काफी कम या बिल्कुल नहीं दिखी। मुझे लगता है कि अगर वह ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते तो रन बना सकते थे।''
उन्होंने कहा कि इंग्लैंड की ड्रेसिंग रूम को लगा कि धोनी मैच को आखिरी ओवरों तब ले जाना चाहते थे। वह इस मैच में 31 गेंद पर 42 रन बनाकर नाबाद रहे लेकिन ज्यादातर रन अखिरी ओवरों में तब आये जब मैच भारत के हाथ से लगभग निकल चुका था।
स्टोक्स ने कहा, '' हमारे ड्रेसिंग रूम में इस बात की चर्चा हो रही थी कि धोनी के खेलने का तरीका यही है। अगर भारतीय टीम मैच नहीं जीतती है तो भी उनका नेट रन रेट बना रहे।'' इंग्लैंड के नए गेंद के गेंदबाज क्रिस वोक्स और जोफ्रा आर्चर ने रोहित और कोहली को कसी हुई गेंदबाजी की जिन्होंने 138 रन की साझेदारी के लिए लगभग 27 ओवरों निकाल दिये।
उन्होंने कहा, ''जिस तरह से रोहित शर्मा और विराट कोहली खेल रहे थे वह किसी रहस्य की तरह था। मुझे पता है कि हमने इस दौरान शानदार गेंदबाजी की, लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपनी बल्लेबाजी की वह बिल्कुल विचित्र लग रहा था।''
उन्होंने कहा, ''इन दोनो बल्लेबाजों ने अपनी टीम को मैच में काफी पीछे धकेल दिया । उन्होंने हमारी टीम पर दबाव डालने की कोई इच्छा नहीं दिखाई। वे हमारी रणनीति के मुताबिक खेल रहे थे।''
स्टोक्स ने कहा कि कोहली ने सीमा रेखा के छोटा होने की बात की थी जो उन्हें 'थोड़ा अजीब' लगा था। उन्होंने कहा, ''मैच के बाद पुरस्कार समारोह में भारतीय कप्तान कोहली ने सीमा रेखा को लेकर सवाल उठाया जो उन्हें अजीब लगा। मैंने मैच के बाद ऐसी शिकायत कभी नहीं सुनी थी।''