स्‍तन और श्रोणि का इस तरह करवाएं टेस्‍ट

स्तन और श्रोणि के परीक्षण में एक महिला के स्तन और प्रजनन अंगों की शारीरिक और दृश्य परीक्षण होती हैं। नीचे स्तन और श्रोणि परीक्षण दोनों के प्रमुख कारक बताए गए हैं।


स्तन परीक्षण:
स्तन कैंसर को रोका नहीं जा सकता है। हालांकि, यदि इसका पहले चरण में ही पता चल जाए, तो इसके ठीक होने की बहुत संभावनाएं होती स्तन कैंसर को समय रहते पहचानने या उसके संकेतों को समझने सबसे सही तरीका है क्‍लीनिकल स्तन परीक्षण और खुद से किया गया परीक्षण। मैमोग्राम , अल्ट्रासाउंड और एमआरआई जैसे कुछ परीक्षण भी स्तन के लिए ही होते हैं।
● क्‍लीनिकल स्तन परीक्षण - एक प्रशिक्षित और पेशेवर डॉक्‍टर द्वारा ही यह परीक्षण किया जाता है जो किसी भी असामान्यताओं या आसाधार संकेतों के होने पर स्‍तनों का परीक्षण करता है। इस परीक्षण दोनों स्तनों का आकार और उस पर पड़े रैशेज को चेक किया जाता है। इतना ही नहीं निपल्स को देखा जाता है कि क्या उसे दबाने पर कोई तरल पदार्थ तो नहीं निकल रहा है। पेशेवर चिकित्सा किसी भी गांठ या अतिरिक्त ऊतकों के विकास के लिए स्तनों, अंडरआर्म्स और कॉलरबोन क्षेत्र की जांच करता है। यदि कोई गांठ होती हैं तो उसके आकार, बनावट और आकार की जांच की जाती है। आमतौर पर, गांठ जो नरम, जंगम, चिकनी और गोल होती है, वे केवल अल्सर या सौम्य ट्यूमर होते हैं। एक विषम आकार की गांठ, जो प्रकृति रुप में कठोर होती है, कैंसर का ट्यूमर हो सकती है।
● स्तन स्व-परीक्षण- इसमें महीने में कम से कम एक बार अपने स्तन का अच्छी तरह से विश्लेषण करना जरूरी होता है। किसी भी कठोर गांठ, अतिरिक्त ऊतक विकास, ब्रेस्‍ट का आकार बढ़ना , या स्‍तनों में किसी अन्य असामान्य परिवर्तन को ध्‍यान में रख कर जाँच करनी चाहिए। इसके लिए दर्पण के सामने, खड़े होकर और दोनों स्तनों की जांच करके उनकी उपस्थिति और निपल्स में यदि कोई बदलाव है तो उसे जांचना चाहिए। किसी भी गांठ या सिस्ट को देखने के लिए अपने स्तनों, बगल और कॉलरबोन के क्षेत्रों को स्पर्श करें और जांचने का प्रयास करें।
● मैमोग्राम - इस प्रक्रिया में महिला की छाती के क्षेत्र का एक्स-रे लिया जाता है। इसमें किसी भी संदिग्ध गांठ या असामान्य वृद्धि के लिए स्तन के ऊतकों की जांच होती है। मैमोग्राम अक्सर गांठ का पता लगाने में सफल होते हैं जो क्‍लीनिकल या स्व-परीक्षाओं में स्पर्श द्वारा पहचाने जानें के योग नहीं होते हैं।
● अल्ट्रासाउंड - इस विधि में किसी भी असामान्य ट्यूमर के विकास की पहचान करने और जांच करने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है।
● एमआरआई - यदि अल्ट्रासाउंड या मैमोग्राम के परीक्षण के परिणाम अस्पष्ट हैं , तो एमआरआई किया जाता है।

श्रोणि परीक्षण:
पैल्विक परीक्षण आपके नियमित शरीर की जांच का एक हिस्सा हो भी सकती है या नहीं भी हो सकती है। पैल्विक परीक्षण में, डॉक्टर प्रजनन अंगों की जांच करता है। डॉक्टर आपको पैल्विक परीक्षण की सलाह तब देता हैं जब आपकी योनि में किसी भी असामान्य गतिविधि जैसे दर्द या डिस्चार्ज होता है। डॉक्टर हाथ से, दस्ताने पहन कर, वल्वा, योनि, गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय में हो रही किसी भी असामान्यताओं को देखने के लिए श्रोणि की जाँच करता है। यदि आवश्यक होता है तो इसमें गुदा (rectal) परीक्षण भी किया जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर का संदेह होने पर PAP टेस्ट भी कराया जा सकता है। श्रोणि परीक्षण निम्न प्रकार से किया जा सकता है:
● बाहरी परीक्षण- डॉक्टर किसी भी घाव, लालिमा, जलन, सूजन, या किसी अन्य असामान्यता को देखने के लिए योनी की जाँच करता है।
● पीएपी परीक्षण - इस परीक्षण में, डॉक्टर किसी भी प्रतिकूल स्वास्थ्य स्थितियों की जांच और उनका विश्लेषण करने के लिए आपके गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं के स्वाब एकत्र करता है।
● शारीरिक पीरक्षण - डॉक्टर हाथों में दस्‍तानों को ल्‍यूब्रीकेट करके 2 उंगलियां डालता है। और दूसरे हाथ से हल्के से पेट क्षेत्र को बाहर की ओर दबाता है। इस परीक्षण के माध्यम से, डॉक्टर गर्भाशय, अंडाशय के आकार और प्रकार की जांच करता है। इस जांच से किसी भी असामान्य स्थिति का पता लगाने की कोशिश की जाती है।
इनमें से अधिकांश परीक्षाओं के परिणाम तुरंत सामने आते हैं। हालाँकि, कुछ परीक्षणों के लिए लैब से मूल्यांकन और प्रमाणन की आवश्यकता होती है, जिसमें एक या दो दिन लग सकते हैं। स्तन और श्रोणि परीक्षा के लिए ये परीक्षण समय पर करवाना ही सही रहता है।
नियमित रूप से स्तन और श्रोणि परीक्षण करवाना हर महिला के लिए जरूर है। इनमें से अधिकांश स्थितियों का समग्र का प्रभाव प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है।
एक्‍सपर्ट सलाह के लिए डॉ. एन पलानप्पन (DNB, FICS, FICOG) को विशेष धन्यवाद।

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