महुआ : लॉकडाउन में महुआ प्रखंड में मनरेगा के तहत मजदूरों को काम मिलना शुरू हो गया है। सरकार ने ऐसे संकट के समय में ग्रामीण मजदूरों को मनरेगा में काम देने की मंजूरी देकर इनकी जिदगी को पटरी पर लाने की कोशिश की है। हालांकि अभी भी बड़ी संख्या में मजदूर काम मिलने की आस लगाये बैठे हैं। वहीं सैकड़ों पुराने एवं कुछ प्ररवासी मजदुर काम मे लगे हैं।
महुआ प्रखंड की कई पंचायतों में काम शुरू हो गया है। कई जगह आवास योजना में काम देने की तैयारी की जा रही है। प्रखंड की 24 पंचायतों में से आधा दर्जन पंचायतों में मनरेगा के तहत कार्य शुरू किया गया है। सरकारी एवं निजी पोखर के अलावा नाला उड़ाही सहित कई योजनाएं चालू की गई हैं।
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हाड़पुर पंचायत के मुखिया संजीत कुमार ने बताया कि उनके यहां पइन उड़ाही का काम चल रहा है, जिसमें लगभग 20 मजदूर लगे हैं।यहां पर एक प्रवासी मजदूर भी काम कर रहा है। प्रवासी मजदूर कमल किशोर ने बताया कि वह पहले मध्यप्रदेश में रहकर काम करता था। लेकिन लॉक डाउन होने से पहले वह घर आ गया था। अब उसे दूसरे प्रदेश में जाने की इच्छा नहीं है।
सुपौल टरिया पंचायत की मुखिया रूबी राय ने कहा कि उनके यहां पोखर निर्माण में कई मजदूर लगे हैं। सिघाड़ा उत्तरी की मुखिया बेबी कुमारी देवी, लक्ष्मीनरायणपुर, जलालपुर गंगटी सहित अन्य पंचायतों में भी काम चल रहा है। यहां पर मजदूरों को मंजूरी दी गई है। महुआ के पीओ ब्रजेश त्रिपाठी ने बताया कि महुआ प्रखंड में 13702 सक्रिय मजदूर है। लॉक डाउन के बाद 1215 मजदूरों ने मजदूरी की मांग की है। उन्हें मजदूरी दी गई है। अभी जो मजदूर काम पर लगे हैं इनमें से 9 प्रवासी मजदूर हैं जो दूसरे प्रदेश में काम करते थे। उन्होंने कहा कि सभी मजदूरों को 15 दिनों पर मजदूरी का भुगतान खाते में किया जाएगा। पहाड़पुर पंचायत के अलावा कई जगह पर मजदूरों द्वारा फिजिकल डिस्टेंस का पालन किया जाता है। साइट पर माक्स एवं साबुन उपलब्ध कराया गया है।
Posted By: Jagran
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