हाजीपुर। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच टीबी मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं अब बाधित नहीं होंगी। इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से आरएनटीसीपी( रिवाइज्ड नेशनल टीबी प्रोग्राम) के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डॉ. केएस सचदेवा ने टीबी पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजकर दिशानिर्देश दिया है। वैशाली जिले में टीबी के करीब 2300 मरीज हैं जबकि मल्टी ड्रग रेसिस्टेंस के 200 मरीज हैं।
पत्र में बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के बीच भी टीबी की रोकथाम एवं उपचार को लेकर प्रदान की जाने वाली सेवाओं को नियमित रखने की जरूरत है। इसके लिए जिला स्तर पर कार्यरत संबंधित अधिकारियों एवं कर्मियों को इस महामारी काल में भी अधिक सतर्क रहकर टीबी मरीजों से संबंधित सेवाओं को सुचारू रखने की जरूरत है। खासकर टीबी की रोकथाम, डायग्नोसिस, उपचार एवं देखभाल संबंधित सेवाएं शामिल हैं। साथ ही इस दौरान टीबी के नए मरीजों की पहचान करने का कार्य भी जारी रखने को कहा गया है। प्रवासी कामगारों को बेहतर सुविधा देने का निर्देश
पत्र में बताया गया है कि प्रवासी कामगारों में टीबी से ग्रसित होने की संभावना अधिक है। ऐसे में संभावित लोगों की जांच की जाने की जरूरत है। कोरोना के मद्देनजर बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में यदि किसी प्रवासी कामगार में टीबी के संभावित लक्षण हों तो भी उनकी टीबी की जांच की जानी चाहिए। इसके लिए यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि प्रवासी कामगारों में जो भी टीबी से ग्रसित हों, उन्हें समुचित देखभाल एवं दवा दी जाए।
Posted By: Jagran
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